पामोलीन, सोयाबीन की प्रीमियम के साथ बिक्री से तेल-तिलहन कीमतों में सुधार |

पामोलीन, सोयाबीन की प्रीमियम के साथ बिक्री से तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

पामोलीन, सोयाबीन की प्रीमियम के साथ बिक्री से तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

:   Modified Date:  September 19, 2024 / 09:08 PM IST, Published Date : September 19, 2024/9:08 pm IST

नयी दिल्ली, 19 सितंबर (भाषा) जरूरत से कम आयात के कारण कम आपूर्ति (शॉर्ट सप्लाई) की स्थिति की वजह से सोयाबीन और पामोलीन तेल की प्रीमियम दाम के साथ बिक्री के कारण देश के तेल-तिलहन बाजार में बृहस्पतिवार को सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल एवं पामोलीन जैसे आयातित तेल के दाम में मजबूती रही। शॉर्ट सप्लाई की इस स्थिति के बीच सरसों एवं मूंगफली तेल-तिलहन, सोयाबीन तेल और बिनौला तेल के भाव भी सुधार के साथ बंद हुए। डी-आयल्ड केक (डीओसी) की कमजोर मांग की वजह से सोयाबीन तिलहन के दाम गिरावट आई।

मलेशिया और शिकॉगो एक्सचेंज में सुधार का रुख है।

सूत्रों ने बताया कि खरीफ देशी तेल-तिलहनों के हित में देश में आयातित खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में वृद्धि किये जाने के बाद इंडोनेशिया ने अपने यहां निर्यात शुल्क घटाया है ताकि उनका निर्यात अधिक प्रभावित न हो। लेकिन फिर भी सोयाबीन और पामोलीन जैसे खाद्य तेलों के कम आयात के कारण आपूर्ति की कमी है। इस वजह से ये दोनों ही तेल 4-5 रुपये प्रति किलो के प्रीमियम दाम पर बेचे जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आयात करने में सोयाबीन डीगम तेल का दाम 87.60 रुपये किलो बैठता है लेकिन इसे बंदरगाहों पर 91.50 रुपये किलो के भाव बेचा जा रहा है। इसी प्रकार आयात करने में पामोलीन तेल का भाव 118.60 रुपये किलो बैठता है और यह बंदरगाह पर 121-122 रुपये किलो के भाव बिक रहा है। देश में आयात शुल्क में वृद्धि किये जाने के बाद जो प्रीमियम दाम के साथ इन दोनों तेलों की बिक्री बंद हो गयी थी वह फिर शुरू हो गई है। यह दर्शाता है कि त्योहारी मांग वाले इस मौसम में इन दोनों खाद्य तेलों की कम आपूर्ति की स्थिति है।

सूत्रों ने कहा कि उपरोक्त स्थिति, त्योहारी मांग वाले इस मौसम में खाद्य तेलों की कम आपूर्ति की स्थिति का सूचक है लेकिन कुछ विशेषज्ञ अब भी इस बात पर अड़े हुए हैं कि खाद्य तेलों की आपूर्ति लाइन पूरी है। उन्हें सोयाबीन डीगम और पामोलीन की प्रीमियम के साथ होने वाली बिक्री पर भी नजर दौड़ानी चाहिये।

उन्होंने कहा कि कम आपूर्ति की वजह से सोयाबीन तेल सहित बाकी तेल-तिलहन कीमतों में भी सुधार आया।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 6,725-6,775 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,350-6,625 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 15,100 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,270-2,570 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 14,100 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,190-2,290 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,190-2,305 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 12,800 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,400 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,150 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,500 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,050 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,100 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 12,200 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,865-4,915 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,640-4,775 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,225 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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