विदेशों में तेजी, जाड़े की मांग से बीते सप्ताह तेल-तिलहन कीमतों में सुधार |

विदेशों में तेजी, जाड़े की मांग से बीते सप्ताह तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

विदेशों में तेजी, जाड़े की मांग से बीते सप्ताह तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

:   Modified Date:  November 16, 2024 / 05:06 PM IST, Published Date : November 16, 2024/5:06 pm IST

नयी दिल्ली, 16 नवंबर (भाषा) विदेशों में तेजी और जाड़े की मांग से शनिवार को देश के प्रमुख बाजारों में सभी तेल-तिलहन कीमतों में सुधार रहा। सरसों, मूंगफली और सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ), पामोलीन तेल तथा बिनौला तेल की कीमतें लाभ दर्शाती बंद हुई।

इस सुधार के बावजूद मंडियों में मूंगफली, सोयाबीन और सूरजमुखी के हाजिर दाम, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम बोले जा रहे हैं। हरियाणा और पंजाब में कपास के दाम एमएसपी से अधिक मिलने के बावजूद किसान कम मात्रा में कपास की बिकवाली कर रहे हैं जिससे बाजार में आवकें कम हो रही हैं।

सूत्रों ने कहा कि बाजार में सरसों की आवक घट रही हैं और यह आवक घटकर 1.5 लाख बोरी रह गई है। सरकार को सहकारी संस्था हाफेड और नाफेड के सरसों की बिक्री केवल तेल मिल वालों को करनी चाहिये ताकि पेराई के बाद तेल बाजार में उपलब्ध हो सके और सीधा उपभोग के लिए उपलब्धता बढ़े ना कि उनका स्टॉक कर लिया जाये। सरकार को संभल कर सरसों की बिकवाली करनी होगी। कम आवक की वजह से सरसों तेल-तिलहन के दाम में सुधार आया।

सूत्रों ने कहा कि किसान नीचे भाव में मूंगफली बिकवाली से बच रहे हैं। जाड़े में साबुत मूंगफली खाने वालों की मांग भी बढ़ी है। आयातित खाद्यतेलों का भाव अब लगभग मूंगफली के आसपास रह गया है जो भाव आज से लगभग चार-पांच माह पूर्व आयातित तेलों से काफी अधिक हुआ करता था। लेकिन इस सुधार के बावजूद मूंगफली का हाजिर भाव अभी भी एमएसपी से कम ही है।

सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन की एमएसपी पर सरकार की खरीद के आश्वासनों के बीच सोंयाबीन तेल-तिलहन कीमतों में भी मजबूती रही। दूसरी ओर स्थानीय स्तर पर डी-आयल्ड केक (डीओसी) की मांग भी मजबूत हुई है। लेकिन इसका हाजिर दाम अभी भी एमएसपी से कम ही है।

उन्होंने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में सुधार और सट्टेबाजी बढ़ने की वजह से सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में भी सुधार है। विदेशों के इस उतार चढ़ाव से बचने के लिए देश में खाद्यतेल-तिलहन का उत्पादन बढ़ाना ही एकमात्र रास्ता दीखता है।

सूत्रों ने कहा कि एमएसपी से दाम अच्छा मिलने के बावजूदइ हरियाणा, पंजाब में किसान कपास की आवक कम ला रहे हैं। आवक कम रहने की वजह से बिनौला तेल के दाम में सुधार आया।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 6,700-6,750 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,725-7,000 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 15,675 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,370-2,670 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 14,150 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,310-2,410 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,310-2,435 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 14,650 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 14,400 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 10,675 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 13,300 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,700 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 14,850 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 13,800 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,625-4,675 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,325-4,360 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,200 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश पाण्डेय

पाण्डेय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)