नयी दिल्ली, तीन जनवरी (भाषा) देश के तेल-तिलहन बाजार में शुक्रवार को खाद्यतेल-तिलहन कीमतों में उठापटक जारी रही। इस दौरान सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन इंदौर तेल के दाम मजबूत बंद हुए।
दूसरी ओर पैसों की दिक्कत की वजह से आयातकों द्वारा आयात लागत से 2-2.5 प्रतिशत नीचे दाम पर बिकवाली करने से सोयाबीन डीगम तेल में गिरावट आई। वहीं मूंगफली तेल-तिलहन, सोयाबीन तिलहन, सोयाबीन दिल्ली तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल के दाम पूर्वस्तर पर बने रहे।
मलेशिया एक्सचेंज दोपहर साढ़े तीन बजे बंद हुआ और यहां सुधार का रुख था। जबकि शिकागो एक्सचेंज में फिलहाल गिरावट है।
बाजार सूत्रों ने कहा कि सर्दियों की मांग के कारण सरसों तेल-तिलहन के दाम में सुधार दर्ज हुआ। वहीं, सोयाबीन तेल के मामले में देखा जा रहा है कि सरकार की खरीद के कारण किसान नीचे दाम पर सोयाबीन बेचना नहीं चाहते और पेराई मिलों को स्थानीय खरीद में फायदा नहीं हो रहा क्योंकि आयातित सोयाबीन डीगम काफी सस्ता बैठता है। वैसे भी सोयाबीन डीगम तेल पाम, पामोलीन तेलों से अभी काफी सस्ता बैठ रहा है।
इस स्थिति के बीच सोयाबीन तिलहन के दाम पूर्वस्तर पर बने रहे। वहीं तेल की ओर देखें तो दिल्ली में कांडला बंदरगाह से तेल आने की वजह से यहां कीमतें स्थिर हैं। लेकिन इंदौर में सोयाबीन मिल वालों को मंहगे में स्थानीय किसानों से सोयाबीन खरीदना पड़ता है।
सरकारी खरीद होने के बीच सस्ते में किसानों का सोयाबीन तिलहन नहीं मिलने के कारण वहां मिल वालों को सोयाबीन की पेराई, आयातित सोयाबीन तेल के दाम से बेपड़ता बैठता है। इस वजह से सोयाबीन इंदौर तेल के दाम में मामूली सुधार है।
सूत्रों ने कहा कि भारतीय कपास निगम (सीसीआई) ने फिर से बिनौला सीड के दाम में 25-50 रुपये क्विंटल की वृद्धि की है। इस चौथी-पांचवीं बार में अब तक लगभग 10 प्रतिशत तक दाम बढ़ाने के बावजूद बिनौला सीड का दाम कपास की एमएसपी की खरीद लागत से कम ही बैठता है। इससे बिनौला तेल के साथ साथ विशेषकर मूंगफली किसान और मूंगफली पेराई मिलें परेशान हैं।
बिनौला खल का दाम कमजोर रहने से मूंगफली खल के अलावा बाकी देशी खल कीमतों पर भी दवाब है। मूंगफली खल का भाव जो पिछले वर्ष 35 रुपये किलो हुआ करता था, वह बिनौला खल का दाम टूटने के कारण आज घटकर 23 रुपये किलो रह गया है और इस दाम पर भी लिवाल नहीं मिल रहे। इन सब (मूंगफली, सोयाबीन) तिलहनों में तेल कम तथा खल एवं डी-आयल्ड केक (डीओसी) अधिक निकलता है। खल का दाम कमजोर होने से इसके तेल-तिलहन के दाम भी प्रभावित होते हैं।
उन्होंने बताया कि बिनौला सीड के दाम टूटने के असर और किसानों द्वारा सस्ते में बिकवाली से बचने की कोशिशों के बीच मूंगफली तेल-तिलहन, सोयाबीन तिलहन, सोयाबीन दिल्ली तेल, सीपीओ एवं पामोलीन तेल तथा बिनौला तेल के दाम पूर्वस्तर पर बंद हुए। मौजूदा ऊंचे दाम पर पाम, पामोलीन का खपना मुश्किल है।
तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन – 6,525-6,575 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली – 5,800-6,125 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 14,000 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,125-2,425 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 13,600 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 2,300-2,400 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,300-2,425 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,100 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,950 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,050 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 12,900 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 11,900 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 14,000 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 13,100 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना – 4,300-4,350 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 4,000-4,100 रुपये प्रति क्विंटल।
मक्का खल (सरिस्का)- 4,100 रुपये प्रति क्विंटल।
भाषा राजेश राजेश रमण
रमण
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