विद्युत संशोधन विधेयक पर प्राप्त आपत्तियों, सुझावों को सार्वजनिक करने की मांग

विद्युत संशोधन विधेयक पर प्राप्त आपत्तियों, सुझावों को सार्वजनिक करने की मांग

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  • Publish Date - February 16, 2021 / 02:48 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:51 PM IST

लखनऊ, 16 फरवरी (भाषा) बिजली उपभोक्ताओं के एक संगठन ने सरकार से विद्युत (संशोधन) विधेयक पर प्राप्त 350 से अधिक आपत्तियों और सुझावों को सार्वजनिक करने की मांग की है।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने मंगलवार को यहां एक बयान में कहा कि सरकार ने स्वीकार किया है कि उसे विद्युत (संशोधन) विधेयक पर 350 आपत्तियां और सुझाव मिले हैं। अगर सरकार की नियत साफ है तो वह इन आपत्तियों और सुझावों को सार्वजनिक करे, ताकि देश-प्रदेश के करोड़ों उपभोक्ताओं को यह पता चल सके कि आम लोगों की निजीकरण के बारे में क्या राय है।

उन्होंने कहा कि बिजली (संशोधन) विधेयक पर दर्ज कराई गई आपत्तियों और सुझावों पर संसद में बहस कराई जाए और विधेयक में संशोधन किया जाए क्योंकि पूरे देश में ऊर्जा क्षेत्र के जानकार लोग और उपभोक्ता संगठन इस विधेयक के विरोध में हैं, फिर भी सरकार जल्दबाजी में इसे पारित कराने में जुटी है।

इस बीच, बिजली अभियंताओं के संगठन ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने विद्युत विधेयक पर केंद्रीय विद्युत मंत्री की राज्यों के साथ बुधवार को होने वाली बैठक से पहले सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर विधेयक का विरोध करने की मांग की है।

फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने बताया कि उन्होंने सोमवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लिखे गए पत्र में कहा है कि सभी पक्षों को विश्वास में लिए बिना संसद में पेश किए जा रहे बिजली विधेयक को रोकने के लिए सभी सरकारें 17 फरवरी को केंद्रीय विद्युत मंत्री के साथ होने वाली बैठक में इसका विरोध करें।

दुबे ने बताया कि पत्र में इस बात पर भी विरोध दर्ज कराया गया है कि बिजली संशोधन विधेयक को अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है और ना ही इस पर सभी पक्षकारों खासकर बिजली उपभोक्ताओं और बिजली कर्मचारियों और अभियंताओं की राय मांगी गई। ऐसे में गुपचुप तरीके से राज्यों के ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिवों और बिजली कंपनियों के मुख्य महाप्रबंधकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर इस बिल के मसौदे को अंतिम रूप देने की कवायद की जा रही है, जो आपत्तिजनक है।

भाषा सलीम अर्पणा रमण

रमण