एनवीडिया ने एआई सम्मेलन के दौरान कई भारतीय कंपनियों के साथ की साझेदारी |

एनवीडिया ने एआई सम्मेलन के दौरान कई भारतीय कंपनियों के साथ की साझेदारी

एनवीडिया ने एआई सम्मेलन के दौरान कई भारतीय कंपनियों के साथ की साझेदारी

:   Modified Date:  October 25, 2024 / 08:50 PM IST, Published Date : October 25, 2024/8:50 pm IST

नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर (भाषा) चिप बनाने वाली दिग्गज कंपनी एनवीडिया ने भारतीय उद्यमों के साथ कई रणनीतिक साझेदारी की हैं। ये साझेदारियां कृत्रिम मेधा (एआई) और डेटा व्यवसाय में भारत की विशाल क्षमता से लाभ उठाने के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता को बताती हैं।

मुंबई में ‘एनवीडिया एआई सम्मेलन 2024’ के दौरान यह घोषणाएं की गईं। कार्यक्रम में इसके संस्थापक और सीईओ जेन्सेन हुआंग ने वैश्विक एआई नेतृत्वकर्ता के रूप में भारत के भविष्य पर अपने विचार रखे।

हुआंग ने कहा कि भारत को लंबे समय से एक सॉफ्टवेयर निर्यात केंद्र के रूप में पहचाना जाता है और अब देश एआई निर्यात में एक महत्वपूर्ण केंद्र बनने की दहलीज पर है।

एनवीडिया रिलायंस के डेटा सेंटरों के लिए अपने ब्लैकवेल एआई प्रोसेसर की आपूर्ति करेगी। इसके अलावा कंपनी योट्टा डेटा सर्विसेज और टाटा कम्युनिकेशंस जैसी कंपनियों के डेटा सेंटरों को हॉपर एआई चिप्स देगी।

एनवीडिया टेक महिंद्रा के साथ साझेदारी में एक उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) शुरू कर रही है। यह केंद्र पुणे और हैदराबाद में टेक महिंद्रा के मेकर्स लैब के भीतर स्थित होगा।

हुआंग ने कहा, ”भारत ने सॉफ्टवेयर का उत्पादन और निर्यात किया है… भविष्य में, भारत एआई का निर्यात करेगा।”

इस दौरान हनुमान एआई, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, ज्ञानी डॉट एआई और इंफोसिस ने भी एनवीडिया के साथ साझेदारी की है।

हुआंग ने संवाददाताओं से कहा, ”आपके पास अपने देश में कच्चे डेटा को इकट्ठा करने और उसे बुद्धिमत्ता में बदलने में सक्षम होने के लिए महत्वपूर्ण तत्व हैं। आप इसे एक मॉडल में कोड कर सकते हैं और अपनी खुद की डिजिटल मेधा का निर्माण कर सकते हैं और उसे निर्यात कर सकते हैं।”

उन्होंने कहा कि भारत इस दिशा में आगे बढ़ रहा है और उन्हें उस वक्त का बेसब्री से इंतजार है जब भारत बड़े पैमाने पर एआई का निर्माण शुरू कर देगा।

उन्होंने भारतीय कंपनियों को चिप निर्माण पर एआई को प्राथमिकता देने की भी सलाह दी।

हुआंग ने कहा कि आप विनिर्माण में अन्य देशों का अनुसरण करें, बल्कि भारत को इस भविष्य की एआई फैक्टरी में तेजी से उतर जाना चाहिए। इसमें देरी नहीं करनी चाहिए।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)