नॉर्दर्न कोलफील्ड्स की पहल से सिंगरौली की आदिवासी महिलाओं के जीवन में आया बदलाव |

नॉर्दर्न कोलफील्ड्स की पहल से सिंगरौली की आदिवासी महिलाओं के जीवन में आया बदलाव

नॉर्दर्न कोलफील्ड्स की पहल से सिंगरौली की आदिवासी महिलाओं के जीवन में आया बदलाव

:   Modified Date:  November 24, 2024 / 12:18 PM IST, Published Date : November 24, 2024/12:18 pm IST

(सिमरन अरोड़ा)

सिंगरौली (मध्यप्रदेश), 24 नवंबर (भाषा) कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनी नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) की कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) पहल ‘सिंगरौली महिला लघु धारक पॉल्ट्री परियोजना’ से मिनीरत्न कंपनी के परिचालन वाले क्षेत्र के आसपास रहने वाले 750 आदिवासी परिवारों को काफी फायदा हुआ है और इससे उनकी जिंदगी में बदलाव आया है।

यह परियोजना 2015 में शुरू हुई थी और समय के साथ इसका विस्तार होता गया। इससे देश के ऊर्जा केंद्र सिंगरौली में रहने वाली अधिक से अधिक महिलाओं को लाभ हो रहा है।

परियोजना की लाभार्थी इंति देवी ने याद करते हुए कहा कि कैसे इस परियोजना ने उनकी जिंदगी बदल दी। उन्होंने पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में कहा कि अपने पति की मृत्यु के बाद वह अपने पांच छोटे बच्चों को झुग्गी में छोड़कर रोजाना नंगे पैर 22 किलोमीटर का सफर तय करती थीं और सिर्फ 40 रुपये प्रतिदिन कमाती थीं। लेकिन सिंगरौली महिला लघु धारक पॉल्ट्री परियोजना का हिस्सा बनने के बाद उनकी किस्मत बदल गई।

सिंगरौली महिला लघु धारक पॉल्ट्री परियोजना की अब अध्यक्ष देवी ने कहा, ‘‘इस परियोजना का हिस्सा बनने के बाद मेरी परेशानियां खत्म हो गईं। अब मैं अच्छा-खासा कमा लेती हूं और अपनी बड़ी बेटी की शादी भी कर चुकी हूं।’’

लघु धारक सामुदायिक पॉल्ट्री मॉडल ग्रामीण भारत में गरीब महिलाओं को पॉल्ट्री उद्यम शुरू करने और चलाने में मदद करता है। इस मॉडल के आधार पर सिंगरौली महिला लघु धारक पॉल्ट्री परियोजना शुरू की गई, जिसमें 750 पॉल्ट्री फार्म की इकाइयों को एक इकाई ‘सिंगरौली महिला पॉल्ट्री उत्पादक कंपनी लिमिटेड’ के रूप में स्थापित किया गया। इस परियोजना की कुल लागत 8.75 करोड़ रुपये है।

पहले चरण में 2019-20 तक 500 इकाइयां स्थापित की गईं और पिछले चार साल में 250 इकाइयों को जोड़कर परियोजना को आगे बढ़ाया गया। करीब 16 गांवों में संचालित इस परियोजना ने 2023-24 में कुल 18 करोड़ रुपये का कारोबार किया। एक सदस्य साल में 6-7 ‘बैच’ की मुर्गियां पालता है और 500 मुर्गियों के शेड से सदस्यों को सालाना 35,000-45,000 रुपये की आमदनी होती है।

भाषा अजय अजय

अजय

 

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