सेमीकंडक्टर परियोजनाओं के लिए धन की कोई समस्या नहीं: इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी सचिव |

सेमीकंडक्टर परियोजनाओं के लिए धन की कोई समस्या नहीं: इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी सचिव

सेमीकंडक्टर परियोजनाओं के लिए धन की कोई समस्या नहीं: इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी सचिव

:   Modified Date:  September 10, 2024 / 02:36 PM IST, Published Date : September 10, 2024/2:36 pm IST

(प्रसून श्रीवास्तव)

नयी दिल्ली, 10 सितंबर (भाषा) इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी सचिव एस. कृष्णन ने कहा है कि सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक संयंत्रों के लिए करीब 62,000 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन की प्रतिबद्धता जताई है और सेमीकंडक्टर परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण की कोई समस्या नहीं है।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पहले स्वीकृत 76,000 करोड़ रुपये में से सरकार के पास अब भी छोटी परियोजनाओं को समायोजित करने की गुंजाइश है और जब नई परियोजनाएं आएंगी तो सरकार प्राधिकारियों से संपर्क करेगी।

कृष्णन ने कहा, ‘‘ सेमीकंडक्टर मिशन के लिए निर्धारित 76,000 करोड़ रुपये में से हमने करीब 62,000 करोड़ रुपये देने की प्रतिबद्धता जतायी है। इसमें केन्स के लिए मंजूर की गई अंतिम योजना भी शामिल है। अबतक जहां भी दावे आए हैं, हम उन्हें तेजी से निपटा रहे हैं और फिलहाल वित्तपोषण की कोई समस्या नहीं है।’’

सरकार ने करीब 1.52 लाख करोड़ रुपये या करीब 18 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश वाली पांच सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को मंजूरी दी है।

उन्होंने कहा कि मोहाली में सेमीकंडक्टर प्रयोगशाला के आधुनिकीकरण के लिए कुछ धन की आवश्यकता है।

कृष्णन ने कहा, ‘‘ हमारे पास अब भी छोटी परियोजनाएं शुरू करने और उन्हें मंजूरी देने के लिए कुछ धनराशि है। इसके बाद जब कुछ नए प्रस्ताव आएंगे तो हमें मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय और मंत्रिमंडल का रुख करना होगा।’’

उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर मिशन को सफल बनाने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

कृष्णन ने कहा, ‘‘ अगर अतिरिक्त वित्तपोषण की आवश्यकता होगी, तो मुझे विश्वास है कि हम इसे हासिल कर पाएंगे…’’

सरकार को भारत सेमीकंडक्टर मिशन के तहत केंद्र के प्रोत्साहन के लिए करीब 20 प्रस्ताव मिले हैं।

उन्होंने कहा कि डिजाइन परिवेश में भारत की महत्वपूर्ण उपस्थिति है और सेमीकंडक्टर डिजाइन के लिए आवश्यक वैश्विक मानव संसाधनों का 20 प्रतिशत भारत में ही उपलब्ध है।

कृष्णन ने कहा कि कई बड़े ब्रांड वास्तव में भारत में ही डिजाइन करते हैं।

उन्होंने कहा कि मौजूदा भू-राजनीतिक स्थिति के कारण समान विचारधारा वाले देश भारत को एक प्रमुख सेमीकंडक्टर विनिर्माण गंतव्य बनाने के लिए उसके साथ सहयोग कर रहे हैं।

भाषा निहारिका अजय

अजय

 

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