(तस्वीर के साथ)
(ललित के. झा)
वाशिंगटन, चार अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारत में ‘मल्टी-ब्रांड रिटेलिंग’ के प्रवेश की संभावना को बृहस्पतिवार को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि ऐसा करने से अमेरिका की तरह ‘मॉम-एंड-पॉप स्टोर्स’ खत्म हो जाएंगे।
‘मल्टी-ब्रांड स्टोर’ एक रिटेल आउटलेट होता है जहां एक ही भौतिक या ऑनलाइन स्थान पर कई ब्रांडों के उत्पाद मिल जाते हैं। वहीं ‘मॉम-एंड-पॉप स्टोर्स’ से तात्पर्य उन छोटी दुकानों से है जो स्वतंत्र या पारिवारिक स्वामित्व वाली होती हैं।
मंत्री ने कहा कि इसके अलावा भारत को तेज वृद्धि की ओर ले जाने के लिए देश सभी प्रकार के आवश्यक आर्थिक सुधारों के लिए तैयार है।
गोयल ने यहां शोध संस्थान ‘सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज’ के सवाल के जवाब में कहा, ‘‘ अगर जरूरत पड़ी तो हम इनमें से किसी (नीति) पर फिर से विचार कर सकते हैं या सरकार के पास मंत्रिमंडल की मंजूरी के जरिये अधिक प्रतिशत (विभिन्न क्षेत्रों में विदेशी हिस्सेदारी) की अनुमति देने का अधिकार है। इसके अलावा हम संसद के जरिये भी इसमें बदलाव कर सकते हैं, इसमें कोई समस्या नहीं है। हालांकि मुझे नहीं लगता कि इनमें से किसी के लिए भी संसदीय बदलाव की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ महत्वपूर्ण क्षेत्र जहां कभी-कभी और विशेष रूप से अमेरिका जैसे देशों में … मैं जो देखता हूं वह हैं ‘मल्टी-ब्रांड रिटेल’। यह बिल्कुल भी उचित नहीं है। मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि ‘मल्टी-ब्रांड रिटेल’ पर हमारी नीति में कोई बदलाव नहीं होगा। अमेरिका को बड़ी प्रौद्योगिकी और बड़े रिटेल के दुष्परिणाम भुगतने पड़े हैं और इन दोनों के परस्पर प्रभाव के कारण देश भर में छोटे स्टोर लगभग खत्म हो गए हैं।’’
गोयल ने कहा कि अमेरिका ऐसा कर सकता है, क्योंकि उसकी जनसंख्या भारत की तुलना में बहुत कम है और लोगों के पास नौकरी के वैकल्पिक अवसर मौजूद हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ …शायद आप इस बात से संतुष्ट हैं कि बाकी युवा अब सिर्फ बिक्री करने वाले लड़के या ‘डिलीवरी’ (आपूर्ति) करने वाली लड़कियां बनकर रह गए हैं। यह हर देश की अपनी मर्जी है।’’
मंत्री ने कहा, ‘‘ भारत में पूरे देश में करीब 100 अरब छोटी-छोटी दुकानें हैं। आप जिस भी गांव में जाएंगे, वहां 10 या 12 छोटी दुकानें होंगी जो अलग-अलग तरह के उत्पाद बेचती होंगी। 10 या 12 छोटी दुकानें होंगी जो अलग-अलग सेवाएं प्रदान करती होंगी। देश के लगभग हर कोने में एक दवा की दुकान होगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा मानना है कि वे सभी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हम चाहते हैं कि वे प्रौद्योगिकी के साथ एकीकृत हों। हमें खुशी होगी यदि वे ई-कॉमर्स के साथ एकीकृत हो जाते हैं या उन्हें ई-कॉमर्स कंपनियों की व्यावसायिक प्रथाओं का सामना करने का मौका मिलता है। हालांकि, हम ई-कॉमर्स के नियमों को बदलने पर विचार नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा, ऐसा कोई क्षेत्र नहीं बचा है जहां कोई पाबंदियां हों।’’
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में भी भारत में 100 प्रतिशत विदेशी स्वामित्व की अनुमति है।
उन्होंने कहा, ‘‘ अंतरिक्ष को विदेशी स्वामित्व के लिए खोल दिया गया है। बिना किसी रोक-टोक के धन का आना-जाना बहुत आसान है, लेकिन यह सुनिश्चित करने के लिए एक प्रक्रिया की आवश्यकता हो सकती है कि कोई धन शोधन न हो या भारत से बाहर जाने वाले धन की कर-वापसी के रूप में देश में वापस आने की कोई ‘राउंड-ट्रिपिंग’ न हो। इसके लिए कुछ सुरक्षा उपाय हैं।’’
मंत्री ने कहा कि कोई भी उन्हें यह नहीं कहता कि वे किसी सरकारी नीति के कारण भारत में निवेश नहीं कर रहे हैं।
भाषा निहारिका मनीषा
मनीषा
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