नीति आयोग समूह की सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट से निपटने को अलग कानून बनाने की वकालत |

नीति आयोग समूह की सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट से निपटने को अलग कानून बनाने की वकालत

नीति आयोग समूह की सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट से निपटने को अलग कानून बनाने की वकालत

:   Modified Date:  September 11, 2024 / 07:23 PM IST, Published Date : September 11, 2024/7:23 pm IST

नयी दिल्ली, 11 सितंबर (भाषा) नीति आयोग के एक विशेषज्ञ समूह ने भविष्य में सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट से निपटने को लेकर अलग कानून बनाने का सुझाव दिया है। आयोग ने विशेषज्ञ समूह का गठन महामारी की तैयारियों के लिए खाका तैयार करने के लिए किया है।

‘भविष्य की महामारी के लिए तैयारी और आपातकालीन कदम – कार्रवाई के लिए रूपरेखा’ शीर्षक से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड ​​​​-19 के अनुभव से सीखते हुए, विशेषज्ञों ने माना कि प्रभावी प्रबंधन के लिए महामारी के पहले 100 दिन में उपयुक्त कदम उठाना महत्वपूर्ण है।

इसमें किसी भी प्रकार के सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट के प्रबंधन के लिए एक अलग सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकालीन प्रबंधन अधिनियम (पीएचईएमए) का प्रस्ताव किया है।

रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘पीएचईएमए गैर-संचारी रोगों, आपदाओं और जैव-आतंकवाद सहित महामारी से परे विभिन्न पहलुओं पर गौर कर सकता है। एक विकसित देश के लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ते हुए इसे लाए जाने की जरूरत है।’’

इसमें कहा गया है कि यह रोकथाम, नियंत्रण और आपदा प्रतिक्रिया को शामिल करते हुए स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाएगा। अधिनियम राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर कुशल सार्वजनिक स्वास्थ्य कैडर के निर्माण का भी प्रावधान करेगा।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि रणनीतियों और जवाबी उपायों के साथ तैयार रहना महत्वपूर्ण है। इन उपायों को पहले 100 दिन के भीतर लागू किया जा सकता है।

रिपोर्ट में प्रस्ताव किया गया है कि मंत्रिमंडल सचिव की अध्यक्षता में सचिवों का एक अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएस) महामारी की तैयारी और आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए गठित किया जा सकता है।

एक मजबूत निगरानी नेटवर्क का भी प्रस्ताव किया गया है। इसके तहत समुदाय और अस्पताल के आंकड़ों को सभी प्रासंगिक क्षेत्रों में पहुंच और साझा करने के लिए एक एकीकृत डेटा पोर्टल का प्रस्ताव किया गया है।’’

इसमें कहा गया है कि आंकड़ों को साझा करने के लिए सुचारू व्यवस्था और संचार नीति की आवश्यकता होगी।

रिपोर्ट में प्रभावी और समय पर कार्रवाई करने के लिए एक महामारी तैयारी और आपातकालीन प्रतिक्रिया कोष स्थापित करने की जरूरत भी बतायी गयी है।

भाषा रमण अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)