नई दिल्ली: भारत में कारों का व्यापार करने वाली कंपनी फॉक्सवैगन इंडिया को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने 500 करोड़ रुपए का झटका दिया है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने डीजल कारों में तय मानक से ज्यादा उत्सर्जन से बचने के लिए कंपनी द्वारा चिट डिवाइस लगाने का आरोप लगाते हुए यह जुर्माना लगाया हैै। साथ ही यह रकम 60 दिनों के भीतर जमा करने का आदेश दिया गया है। बता दें इससे पहले एनजीटी ने फॉक्सवैगन इंडिया को डीजल कारों में उत्सर्जन छिपाने के आरोप में 100 करोड़ रुपये की अंतरिम राशि जमा कराने का आदेश दिया था।
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एनजीटी का कहना है कि फॉक्सवैगन इंडिया ने डीजल की खपत कम करने के लिए चिट डिवाइस का उपयोग अपनी कारों में किया है। इस डिवाइस का उपयोग डीजल कारों में उत्सर्जन छिपाने वाले उपकरण के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था। फॉक्सवैगन ने इस उपकरण का उपयोग कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया है।
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जांच दल ने दिया था 171 करोड़ जुर्माना का सुझाव
एनजीटी ने सीपीसीबी, भारी उद्योग मंत्रालय, ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया और राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी शोध संस्थान के प्रतिनिधियों का एक संयुक्त दल भी गठित किया था। इस टीम ने सर्वे के बाद दिल्ली में अत्यधिक नाइट्रोजन ऑक्साइड के उत्सर्जन से लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने को लेकर 171.31 करोड़ जुर्माना लगाने का सुझाव दिया था।
एनजीटी के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में देंगे चुनौती
इस मामले को लेकर फॉक्सवैगन इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की बात कही है।
Volkswagen Group India Spokesperson: The Volkswagen Group will challenge the order of the National Green Tribunal before the Supreme Court.
— ANI (@ANI) March 7, 2019