नयी दिल्ली, 23 सितंबर (भाषा) वाणिज्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि 14 सदस्यीय आईपीईएफ के समझौते के तहत गठित आपूर्ति श्रृंखला परिषद की अगली बैठक दिसंबर में होगी।
आईपीईएफ (समृद्धि के लिए भारत-प्रशांत आर्थिक ढांचा) ब्लॉक को अमेरिका और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के अन्य साझेदार देशों द्वारा 23 मई, 2022 को टोक्यो में संयुक्त रूप से शुरु किया गया था।
इन देशों का दुनिया के आर्थिक उत्पादन में 40 प्रतिशत और व्यापार में 28 प्रतिशत हिस्सा है।
यह ढांचा व्यापार, आपूर्ति श्रृंखला, स्वच्छ अर्थव्यवस्था और निष्पक्ष अर्थव्यवस्था से संबंधित चार स्तंभों के आसपास संरचित है। भारत व्यापार को छोड़कर सभी स्तंभों में शामिल हो गया है।
ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई दारुस्सलाम, फिजी, भारत, इंडोनेशिया, जापान, कोरिया गणराज्य, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलिपीन, सिंगापुर, थाइलैंड, अमेरिका और वियतनाम इस ब्लॉक के सदस्य हैं।
आपूर्ति श्रृंखला में मजबूती से संबंधित समझौता 24 फरवरी को प्रभावी हुआ। इसका उद्देश्य भागीदार देशों के बीच सहभागिता के माध्यम से आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करना है।
इस समझौते के तहत, संधि के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए विशिष्ट कार्यों के साथ तीन संस्थागत निकाय बनाए गए हैं – आपूर्ति श्रृंखला परिषद (एससीसी), संकट प्रतिक्रिया नेटवर्क (सीआरएन) और श्रम अधिकार सलाहकार बोर्ड (एलआरएबी)।
आपूर्ति श्रृंखला परिषद की पहली बैठक 12 सितंबर को वाशिंगटन डीसी में हुई थी।
अमेरिका जहां परिषद का अध्यक्ष है, वहीं भारत उपाध्यक्ष है।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘आपूर्ति श्रृंखला परिषद की अगली बैठक इस साल दिसंबर में होगी।’’
पहली बैठक में, परिषद ने तीन क्षेत्रों में तीन कार्ययोजना दल स्थापित किए – सेमीकंडक्टर; बैटरी पर ध्यान देने के साथ महत्वपूर्ण खनिज; और रसायन।
मंत्रालय ने कहा कि भागीदार देशों द्वारा स्वास्थ्य सेवा व फार्मा क्षेत्र से संबंधित एक और कार्ययोजना दल स्थापित करने पर भी सैद्धांतिक रूप से सहमति व्यक्त की गई है।
भाषा राजेश राजेश अजय
अजय
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