नयी दिल्ली, तीन जनवरी (भाषा) वित्तीय सेवा सचिव एम नागराजू ने शुक्रवार को वाणिज्यिक संपत्तियों, औद्योगिक भूमि, दुकानों, वाहनों और कृषि एवं गैर-कृषि भूमि की ई-नीलामी के लिए नया पोर्टल पेश किया।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ‘बैंकनेट’ नाम का यह पोर्टल ई-नीलामी वाली संपत्तियों के बारे में सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों से जानकारी को इकट्ठा करता है और खरीदारों एवं निवेशकों को संपत्तियों की एक विस्तृत शृंखला तलाशने का एक मंच मुहैया कराता है।
बयान के मुताबिक, बैंकनेट पर सूचीबद्ध होने वाली संपत्तियों में फ्लैट, स्वतंत्र घर और खुले भूखंड, वाणिज्यिक संपत्तियां, औद्योगिक भूमि एवं भवन, दुकानें, वाहन, संयंत्र एवं मशीनरी और कृषि एवं गैर-कृषि भूमि शामिल हैं।
इन सभी संपत्तियों के विवरणों को एक ही स्थान पर एकत्र कर यह पोर्टल संपत्तियों की ई-नीलामी के बारे में जानकारी जुटाने और उसमें भाग लेने की प्रक्रिया को आसान बनाता है। इससे खरीदारों और निवेशकों के लिए मूल्यवान अवसरों की पहचान करना आसान होगा।
इस अवसर पर नागराजू ने कहा कि इस मंच की शुरूआत से सार्वजनिक बैंकों की बकाया वसूली प्रक्रिया में काफी मदद मिलेगी, जिससे बैंकों के बहीखाते में भी सुधार होगा और कारोबारियों एवं व्यक्तियों के लिए ऋण उपलब्धता बढ़ेगी।
उन्होंने इस पहल में सार्वजनिक बैंकों, भारतीय दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) और ऋण वसूली न्यायाधिकरणों (डीआरटी) द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि उनका सहयोग ही इस मंच की सफलता की कुंजी है।
नागराजू ने कहा, ‘इस मंच से संकटग्रस्त संपत्तियों के मूल्य को हासिल कर और निवेशकों का भरोसा बढ़ाकर समग्र आर्थिक माहौल को बेहतर करने की उम्मीद है। प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से यह प्रक्रिया अधिक पारदर्शी, कुशल और सुलभ होगी।’
संशोधित पोर्टल में बेहतर और उन्नत सुविधाएं जोड़ी गई हैं। इसमें स्वचालित एवं एकीकृत भुगतान गेटवे और केवाईसी उपकरण, ‘खर्च विश्लेषण’ के लिए डैशबोर्ड सुविधा और एक क्लिक पर विभिन्न ‘एमआईएस रिपोर्ट’ उपलब्ध होंगी। ग्राहकों के लिए कॉलबैक अनुरोध सुविधा के साथ एक समर्पित हेल्पडेस्क और कॉल सेंटर सुविधा भी है।
वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) ने पोर्टल का प्रभावी और कुशल उपयोग सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक बैंक अधिकारियों और डीआरटी में सभी वसूली अधिकारियों को ‘बैंकनेट’ की खासियतों के बारे में पहले ही प्रशिक्षण दे दिया है।
इसके साथ ही 1.22 लाख से अधिक संपत्तियों को नीलामी के लिए नए पोर्टल पर स्थानांतरित कर दिया गया है।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
रमण
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