मुंबई, 10 जून (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सहयोगी दलों पर निर्भर नई सरकार के लिए कड़े सुधारों को लागू करना मुश्किल होगा। स्विस ब्रोकरेज फर्म यूबीएस सिक्योरिटीज ने सोमवार को यह बात कही।
यूबीएस सिक्योरिटीज ने कहा कि अगर सरकार भूमि, खेती, विनिवेश, समान नागरिक संहिता और एक राष्ट्र एक चुनाव जैसे कड़े सुधारों को लागू कर पाती है, तो वृद्धि की संभावित दर 7.5 प्रतिशत से अधिक हो सकती है।
भारत में यूबीएस प्रमुख अर्थशास्त्री तन्वी गुप्ता जैन ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘कठोर सुधारों को लागू करके अगले पांच वर्षों में वृद्धि की संभावित दर वर्तमान के 6.5-7 प्रतिशत से बढ़कर 7.5 प्रतिशत से अधिक हो सकती है।’’
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तीसरे कार्यकाल में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सहयोगियों पर निर्भरता का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘2019 और 2014 के चुनावों की तुलना में इस बार कठोर सुधारों को आगे बढ़ाना कठिन होगा।’’
उन्होंने कहा कि सरकार अगले 12-18 महीनों में विनिर्माण को बढ़ावा देने, पहले से पारित श्रम कानूनों को लागू करने और कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर देगी।
जैन ने कहा, ‘‘हमें लगता है कि भूमि सुधार, बुनियादी ढांचे पर खर्च को बढ़ावा देने, विनिवेश, कृषि विधेयक, समान नागरिक संहिता, एक राष्ट्र एक चुनाव सहित कठोर सुधारों को लागू करना चुनौतीपूर्ण होगा।’’
उन्होंने कहा कि वृद्धि की गति मजबूत है और वित्त वर्ष 2024-25 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर सात प्रतिशत रह सकती है।
भाषा पाण्डेय अजय
अजय
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