तेल आयात कम करने को बड़े आकार के मेथनॉल संयंत्र लगाने की जरूरत: नीति सदस्य सारस्वत |

तेल आयात कम करने को बड़े आकार के मेथनॉल संयंत्र लगाने की जरूरत: नीति सदस्य सारस्वत

तेल आयात कम करने को बड़े आकार के मेथनॉल संयंत्र लगाने की जरूरत: नीति सदस्य सारस्वत

:   Modified Date:  October 16, 2024 / 08:13 PM IST, Published Date : October 16, 2024/8:13 pm IST

नयी दिल्ली, 16 अक्टूबर (भाषा) नीति आयोग के सदस्य वी के सारस्वत ने बुधवार को कहा कि भारत को कोयला, कच्चे तेल जैसे जीवाश्म ईंधन के आयात को कम करने के लिए बड़े आकार के मेथनॉल संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य रखना चाहिए।

सारस्वत ने कहा कि भविष्य में तापीय बिजलीघरों पर भारत की निर्भरता कम हो जाएगी, ऐसे में देश को यह सुनिश्चित करना होगा कि उद्योग मेथनॉल बनाने के लिए आगे आए।

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेथनॉल एक स्वच्छ ईंधन है…हमें देश में बड़े आकार के मेथनॉल संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य रखना चाहिए। मेथनॉल का उपयोग भारी वाणिज्यिक वाहनों में ईंधन के रूप में भी किया जा सकता है।’’

नीति आयोग के सदस्य ने कहा कि कोचीन शिपयार्ड लि. (सीएसएल) को एक विदेशी कंपनी ने मेथनॉल से चलने वाला जहाज बनाने का ऑर्डर दिया है।

सारस्वत ने यह भी कहा कि नीति आयोग 17-18 अक्टूबर को नयी दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में दूसरे अंतरराष्ट्रीय मेथनॉल सेमिनार और प्रदर्शनी का आयोजन करेगा।

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, भारत में मेथनॉल अर्थव्यवस्था की शुरुआत सितंबर, 2016 में हुई थी। उस समय नीति आयोग ने अमेरिका के मेथनॉल इंस्टिट्यूट के साथ मिलकर पहला सेमिनार आयोजित किया था।

नीति आयोग आठ साल बाद दुनिया में मेथनॉल उत्पादन, उपयोग और संबद्ध प्रौद्योगिकी विकास से संबंधित परियोजनाओं, उत्पादों और अनुसंधान एवं विकास क्षेत्र में हुई प्रगति को सामने लाने के लिए सेमिनार और प्रदर्शनी का आयोजन कर रहा है।

सारस्वत ने कहा कि सरकार वैश्विक मानकों के आधार पर मेथनॉल उत्पादन और उपयोग के लिए एक नियामकीय परिवेश विकसित कर रही है।

उन्होंने कहा कि इसके बाद देश में बड़े पैमाने पर मेथनॉल संयंत्रों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए इस क्षेत्र के लिए एक व्यापक नीति लायी जाएगी।

मेथनॉल का घरेलू उत्पादन फिलहाल सात लाख टन है जबकि मांग 40 लाख टन की है।

आयोग ने अनुमान लगाया था कि मेथनॉल उत्पादन, उपयोग और वितरण सेवाओं के माध्यम से लगभग 50 लाख नौकरियां सृजित होंगी।

भाषा रमण अजय

अजय

 

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