नयी दिल्ली, तीन दिसंबर (भाषा) देश में पिछले वित्त वर्ष (2023-24) के दौरान लगभग 92,000 पेटेंट आवेदन जमा किए गए। यह प्रौद्योगिकी और वैज्ञानिक विकास के केंद्र के रूप में भारत की बढ़ते कद को बताता है।
पेटेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क महानियंत्रक (सीजीपीडीटीएम) उन्नत पंडित ने मंगलवार को कहा कि बौद्धिक संपदा (आईपी) दिशानिर्देशों को नया रूप दिया जा रहा है और नए मानदंडों के लिए विभिन्न पक्षों से जानकारियां मांगी जा रही हैं।
पंडित ने यहां उद्योग मंडल एसोचैम के एक कार्यक्रम में कहा, “पिछले वित्त वर्ष में करीब 92,000 पेटेंट आवेदन दायर किए गए। इसका मतलब है कि हर छह मिनट में एक नई प्रौद्योगिकी भारत में बौद्धिक संपदा संरक्षण की मांग कर रही है।”
उन्होंने कहा, “हम बौद्धिक संपदा दिशा-निर्देशों में सुधार कर रहे हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में आईपी के संरक्षण के लिए बनाए गए थे। यह प्रक्रिया जारी है, ऐसे दिशा-निर्देशों के प्रभाव को और मजबूत बनाने के लिए उद्योग मंडलों और आईपी हितधारकों द्वारा भी योगदान दिया जा सकता है।”
पंडित ने कहा, “हम कुशल आईपी आवेदन दाखिल प्रक्रिया की दिशा में काम कर रहे हैं। स्वीकृत पेटेंट में यह तीव्र वृद्धि आवेदनों को संसाधित करने और आईपी अधिकार प्रदान करने में भारत के पेटेंट कार्यालय की दक्षता को रेखांकित करती है। यह दायर किए जा रहे आवेदनों की बढ़ती गुणवत्ता को भी दर्शाता है, जिसमें कई नवाचार वैश्विक मानकों को पूरा करते हैं।”
भाषा अनुराग रमण
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