एनसीएलटी ने गो फर्स्ट एयरलाइन के परिसमापन का आदेश दिया |

एनसीएलटी ने गो फर्स्ट एयरलाइन के परिसमापन का आदेश दिया

एनसीएलटी ने गो फर्स्ट एयरलाइन के परिसमापन का आदेश दिया

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Modified Date: January 20, 2025 / 09:00 PM IST
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Published Date: January 20, 2025 9:00 pm IST

नयी दिल्ली, 20 जनवरी (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने सोमवार को वित्तीय संकट में फंसी विमानन कंपनी गो फर्स्ट के परिसमापन का आदेश दिया।

वित्तीय समस्याओं के कारण एयरलाइन ने मई, 2023 में स्वैच्छिक रूप से दिवाला समाधान प्रक्रिया के तहत आवेदन किया था। इसकी उड़ानों का संचालन लगभग दो साल से बंद है।

न्यायाधिकरण ने 15 पृष्ठ के आदेश में कहा कि वह कंपनी गो एयरलाइंस (इंडिया) लि. के परिसमापन का आदेश दे रहा है।

एनसीएलटी ने कहा कि योजना में कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) को अपने गठन के बाद और समाधान योजना की पुष्टि से पहले किसी भी समय संबंधित कंपनी के परिसमापन का निर्णय लेने का अधिकार है।

उल्लेखनीय है कि दो महीने पहले सात नवंबर, 2024 को उच्चतम न्यायालय ने जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया था। एयरलाइन ने अप्रैल, 2019 में उड़ान बंद कर दी थी।

गो एयर का नाम बदलकर गो फर्स्ट किया गया था। इसने 17 साल से अधिक समय तक उड़ान सेवाएं दीं। एयरलाइन का परिचालन तीन मई, 2023 से निलंबित है।

दिनकर तिरुवनंदपुरम वेंकटसुब्रमण्यम को परिसमापक नियुक्त किया गया है। परिसमापक को कॉरपोरेट देनदार के वित्तीय मामलों की जांच जारी रखने के लिए कहा गया है।

आदेश के अनुसार, ‘‘परिसमापक को परिसमापन की प्रक्रिया के दौरान उनके निपटान के लिए लंबित आवेदनों का भी पालन करना होगा। इसमें कानून के अनुसार कॉरपोरेट देनदार के बकाया की वसूली के लिए कदम उठाना भी शामिल है।’’

इसके अलावा, परिसमापक को परिसमापन शुरू होने की तारीख से 75 दिन के भीतर न्यायाधिकरण को एक प्रारंभिक रिपोर्ट देनी है।

दिवाला समाधान प्रक्रिया के दौरान कम से कम दो बोलीदाता- स्पाइसजेट प्रमुख अजय सिंह एवं बिजी बी एयरवेज और शारजाह स्थित विमानन इकाई स्काई वन सामने आए थे।

यात्रा पोर्टल ईजमाईट्रिप के सह-संस्थापक निशांत पिट्टी बिजी बी एयरवेज में बहुलांश शेयरधारक है।

हालांकि, कर्ज समाधान प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई थी जिसके बाद न्यायाधिकरण ने एयरलाइन के परिसमापन का आदेश दे दिया है।

इस दौरान, विमानन नियामक डीजीसीए ने गो फर्स्ट के 54 विमानों का पंजीकरण भी रद्द कर दिया।

एयरलाइन ने 2005-06 में मुंबई से अहमदाबाद के लिए पहली उड़ान के साथ घरेलू परिचालन शुरू किया था और इसने 2018-19 में अंतरराष्ट्रीय परिचालन भी शुरू किया।

नकदी समस्या से जूझ रही एयरलाइन ने मार्च, 2023 को समाप्त वित्त वर्ष में 1,800 करोड़ रुपये के नुकसान की सूचना दी।

भाषा रमण अजय

अजय

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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