नयी दिल्ली, 19 जनवरी (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने कर्ज में डूबी ट्यूलिप होटल्स के परिसमापन का निर्देश दिया है। इसकी वजह यह है कि न्यायाधिकरण को तय समयसीमा के भीतर दिवाला समाधान प्रक्रिया के दौरान कोई बोलीदाता नहीं मिला है।
एनसीएलटी ने 16 मई, 2023 को यस बैंक द्वारा दायर एक याचिका पर ट्यूलिप होटल्स के खिलाफ कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) शुरू करने का निर्देश दिया था, जिसमें उसके द्वारा जारी दो कॉरपोरेट गारंटियों के लिए 900 करोड़ रुपये की चूक का दावा किया गया था।
ट्यूलिप होटल्स, कॉक्स एंड किंग्स और ईजीगो वन ट्रैवल एंड टूर्स लिमिटेड को यस बैंक द्वारा वितरित दो कर्जों के लिए कॉरपोरेट गारंटर थी। उनके चूक जाने के बाद, वित्तीय ऋणदाता यस बैंक ने दोनों ऋणों के लिए दी गई 450-450 करोड़ रुपये की गारंटी को वापस ले लिया था।
हालांकि, ट्यूलिप होटल्स के समाधान पेशेवर (आरपी) ने कहा कि 180 दिन की निर्धारित समयसीमा के दौरान कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के दौरान ट्यूलिप होटल्स के लिए कोई बोली (समाधान योजना) पेश नहीं की गई और ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) ने भी अवधि के विस्तार के लिए इनकार कर दिया है।
इसलिए, उनके पास दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के प्रावधानों के अनुरूप परिसमापन के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचा था।
ट्यूलिप होटल के लिए सीआईआरपी 12 नवंबर, 2023 को समाप्त हो गई, क्योंकि आईबीसी के अनुसार उक्त प्रक्रिया शुरू करने के लिए आवेदन स्वीकार होने की तारीख से 180 दिन के भीतर इसे पूरा किया जाना चाहिए।
निर्धारित अवधि की समाप्ति पर यदि सीओसी द्वारा 66 प्रतिशत मतों के साथ प्रस्ताव द्वारा ऐसा करने का निर्देश दिया जाता है, तो आरपी को अवधि विस्तार के लिए एनसीएलटी के समक्ष आवेदन दायर करना होगा।
भाषा अनुराग अजय
अजय
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)