आरकैप की समाधान योजना की मंजूरी में रिजर्व बैंक, डीआईपीपी तेजी लाएंः एनसीएलटी |

आरकैप की समाधान योजना की मंजूरी में रिजर्व बैंक, डीआईपीपी तेजी लाएंः एनसीएलटी

आरकैप की समाधान योजना की मंजूरी में रिजर्व बैंक, डीआईपीपी तेजी लाएंः एनसीएलटी

:   Modified Date:  August 12, 2024 / 04:15 PM IST, Published Date : August 12, 2024/4:15 pm IST

मुंबई, 12 अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक और औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) को हिंदुजा समूह की कंपनी आईआईएचएल की तरफ से रिलायंस कैपिटल के लिए पेश समाधान योजना पर अमल से संबंधित मंजूरी प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया।

एनसीएलटी की मुंबई पीठ ने इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (आईआईएचएल) और रिलायंस कैपिटल की ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) को निर्देश दिया कि वे समाधान योजना को लागू करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर निर्णय लेने के लिए संयुक्त रूप से बैठक करें।

न्यायमूर्ति वीरेंद्रसिंह जी बिष्ट और न्यायमूर्ति प्रभात कुमार की पीठ ने रिजर्व बैंक और डीआईपीपी को निर्देश दिया कि रिलायंस कैपिटल की कर्ज समाधान योजना पर अमल के लिए जरूरी अनुमोदन आईआईएचएल को देने की प्रक्रिया में तेजी दिखाएं।

इस मामले पर सुनवाई के लिए अगली तारीख 28 अगस्त तय की गई है।

एनसीएलटी ने 27 फरवरी, 2024 को रिलायंस कैपिटल (आरकैप) के लिए आईआईएचएल की 9,650 करोड़ रुपये की समाधान योजना को मंजूरी दी थी। अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल पर 40,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज था।

न्यायाधिकरण हिंदुजा समूह की कंपनी की तरफ से दायर उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें 23 जुलाई के आदेश में संशोधन और समाधान योजना को लागू करने के लिए ‘दायित्वों को पूरा करने के समय को बढ़ाने’ की मांग की गई थी।

आईआईएचएल ने समाधान योजना लागू करने की समयसीमा का 27 मई को तीसरी बार उल्लंघन किया था। उसके बाद 23 जुलाई को एनसीएलटी ने योजना लागू करने की समयसीमा 10 अगस्त तक बढ़ा दी थी।

आईआईएचएल ने इस समयसीमा को आगे बढ़ाने का अनुरोध करते हुए कहा कि उसे नियामकीय मंजूरियां हासिल करने और अनुपालन प्रावधानों को पूरा करने में समय लग रहा है।

हिंदुजा के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि डीआईपीपी, सेबी, रिजर्व बैंक और भारतीय बीमा वनियामक और विकास प्राधिकरण की तरफ से अनुमोदन में देरी जैसी चीजें कंपनी के नियंत्रण से परे हैं जिन्हें ध्यान में रखा जाना चाहिए। उन्होंने अनुमोदन से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए छह सप्ताह का समय देने का आग्रह किया।

इस पर लेनदारों की समिति का प्रतिनिधित्व करने वाले गौरव जोशी ने कहा कि आईआईएचएल को सिर्फ 15-6 दिन का ही वक्त दिया जा सकता है।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय

 

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