नयी दिल्ली, सात दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने आर्सेलरमित्तल के मामले में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की अहमदाबाद पीठ के आदेश पर रोक लगा दी है। एनसीएलटी ने आर्सेलरमित्तल इंडिया को ओडिशा स्लरी पाइपलाइन इन्फ्रास्ट्रक्चर (ओएसपीआईएल) को उसकी संपत्तियों के इस्तेमाल के लिए 1,300 करोड़ रुपये की आईआरपी लागत का भुगतान करने का निर्देश दिया था।
एनसीएलएटी के कार्यवाहक चेयरपर्सन न्यायमूर्ति बी एल भट की अगुवाई वाली दो सदस्यीय पीठ ने आर्सेलरमित्तल इंडिया की याचिका पर अंतरिम आदेश जारी करते हुए एनसीएलटी के आदेश पर स्थगन दे दिया।
एनसीएलएटी की ओर से चार दिसंबर को दिए गए आदेश में कहा गया है कि आर्सेलरमित्तल द्वारा ओएसपीआईएल को 15 दिसंबर, 2020 तक भुगतान के आदेश पर रोक लगाई जाती है। न्यायाधिकरण ने इस मामले को 22 जनवरी, 2021 को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है।
इससे पहले एनसीएलटी ने 10 नवंबर को व्यवस्था दी थी कि कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया के दौरान ओएसपीआईएल को परिचालन में बनाए रखने के लिए स्लरी पाइपइलाइन के इस्तेमाल का शुल्क आईआरपी लागत है। एनसीएलटी ने आर्सेलरमित्तल को आईआरपी की 1,300 करोड़ रुपये की लागत का भुगतान 15 दिसंबर तक करने का निर्देश दिया था।
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