नयी दिल्ली, 15 मार्च (भाषा) अपीलीय न्यायाधिकरण एनसीएलएटी ने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की चेन्नई पीठ के एक आदेश की जांच का निर्देश दिया है।
राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने एनसीएलटी के अध्यक्ष को 15 मार्च, 2022 के उसके एक आदेश की जांच करने का निर्देश दिया है।
एनसीएलएटी ने कहा कि वह इस तथ्य की अनदेखी नहीं कर सकता कि जिस तरह से 15 मार्च 2022 का आदेश पारित किया गया है, वह संदिग्ध और भरोसे लायक नहीं लगता है।
अपीलीय न्यायाधिकरण ने कहा कि मामले में तथ्य और प्रस्तुतियां “एनसीएलटी के कामकाज पर सवाल उठाती हैं।”
न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा और तकनीकी सदस्य जतिंद्रनाथ स्वैन की दो सदस्यीय पीठ ने कहा, “एनसीएलटी के अध्यक्ष से अनुरोध है कि वे इस मुद्दे पर, खास तौर पर एनसीएलटी की कार्यवाही में निष्पक्षता लाने के लिए गौर करें और जांच करें, ताकि इन प्रमुख मुद्दों पर आम जनता में विश्वास कायम हो सके।”
पिछले सप्ताह आदेश पारित करते हुए एनसीएलएटी की चेन्नई पीठ ने कहा, “जैसे ही माननीय अध्यक्ष द्वारा उपरोक्त प्रक्रिया पूरी कर ली जाती है, उनसे अनुरोध है कि वे आगे की जरूरी कार्रवाई के लिए रिपोर्ट माननीय अध्यक्ष, नयी दिल्ली को (एक प्रति हमें भी) वापस भेजें।”
अपीलीय न्यायाधिकरण का यह निर्देश परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनी (इंडिया) लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई के दौरान आया।
एनसीएलएटी ने हालांकि अपील को खारिज कर दिया, लेकिन अपीलीय न्यायाधिकरण ने कहा कि वह 15 मार्च, 2022 के आदेश को पारित करने के तरीके को नजरअंदाज नहीं कर सकता।
अपने दो पन्नों के आदेश में एनसीएलएटी ने एनसीएलटी के आदेश में अनियमितताओं पर प्रकाश डाला।
भाषा पाण्डेय अनुराग
अनुराग
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