नयी दिल्ली, 16 जनवरी (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय अधिकरण (एनसीएलएटी) ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के आदेश के खिलाफ मेटा प्लेटफॉर्म्स और व्हाट्सएप की याचिकाओं को बृहस्पतिवार को स्वीकार कर लिया।
सीसीआई ने अपने आदेश में मेटा पर अपनी दबदबे वाली स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए 213.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था।
एनसीएलएटी की दो सदस्यीय पीठ ने इस मुद्दे पर मेटा और सीसीआई की प्रारंभिक दलीलें सुनने के बाद कहा कि इस मुद्दे पर सुनवाई करने की जरूरत है।
अधिकरण के चेयरपर्सन न्यायमूर्ति अशोक भूषण भी इस पीठ का हिस्सा हैं।
पीठ ने कहा, ‘‘ हमने पाया है कि पक्षों द्वारा उठाए गए अनुरोध पर विचार करने की आवश्यकता है। हम दोनों अपीलों को स्वीकार करते हैं।’’
हालांकि, सीसीआई के आदेश पर रोक लगाने संबंधी अंतरिम राहत के बारे में एनसीएलएटी ने कहा कि वह अगले सप्ताह फैसला करेगा।
व्हाट्सएप और मेटा प्लेटफॉर्म्स की ओर से पेश हुए वकील ने सुनवाई के दौरान अपीलीय अधिकरण से सीसीआई के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया। हालांकि, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के वकील ने इसका विरोध किया।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने 18 नवंबर को अपने आदेश में 2021 की व्हाट्सएप गोपनीयता नीति ‘अपडेट’ के संबंध में अनुचित व्यावसायिक तरीके अपनाने के लिए मेटा पर 213.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।
इसके अलावा सीसीआई ने मेटा को प्रतिस्पर्धा-रोधी व्यवहार से बचने और उनसे दूर रहने का निर्देश दिया था।
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