नयी दिल्ली, 19 नवंबर (भाषा) भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा किए गए फार्मा क्षेत्र के एक अध्ययन के अनुसार एक राष्ट्रीय डिजिटल दवा डेटा बैंक से ‘सूचना विषमता’ का समाधान करने के साथ ही विभिन्न राज्यों में नियामक जरूरतों के बारे में पता लगाने में मदद मिलेगी।
आयोग ने पाया कि घरेलू बाजार में ब्रांड प्रतिस्पर्धा, मूल्य प्रतिस्पर्धा से आगे निकल जाती है, जहां जेनेरिक ‘दवाओं’ का विपणन अलग-अलग ब्रांड नामों के साथ किया जाता है।
जेनेरिक दवाएं उपभोक्ताओं के लिए कीमतों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जिससे स्वास्थ्य देखभाल की लागत कम होती है और पहुंच में सुधार होता है।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने राष्ट्रीय डिजिटल दवा डेटा बैंक की स्थापना सहित दवा की गुणवत्ता के मुद्दे पर बहुआयामी और सामंजस्यपूर्ण नियामक प्रतिक्रिया की बात कही है।
नियामक ने कहा कि ऐसा डेटाबेस सूचना विषमता को दूर करने में मदद करेगा और विभिन्न राज्यों में नियामक आवश्यकताओं के ‘मानचित्रण’ में महत्वपूर्ण सुझाव देगा।
भाषा पाण्डेय अजय
अजय
Follow us on your favorite platform:
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)