मुंबई, 12 सितंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय अवसंरचना वित्तपोषण एवं विकास बैंक (नैबफिड) से वित्तीय रूप से सशक्त होने के लिए भरोसेमंद कारोबारी मॉडल विकसित करने को कहा। उन्होंने कहा कि वह ऐसा मॉडल विकसित करे, जो सरकारी समर्थन पर आश्रित न हो।
राव ने यहां नैबफिड के एक कार्यक्रम में कहा कि इस तरह के एक आत्मनिर्भर मॉडल को मध्यम अवधि में विकसित करना होगा, जो नियामकीय व्यवस्थाओं पर भी निर्भर नहीं हो।
उन्होंने कहा, ‘‘यह भी आवश्यक है कि मध्यम अवधि में, एक ऐसे कारोबारी मॉडल के तहत आत्मनिर्भर परिचालन की योजना बनाई जाए जो लगातार सरकारी समर्थन या नियामक व्यवस्था पर निर्भर न हो।’’
राव ने यह भी कहा कि केंद्रीय बैंक को परियोजना कर्ज प्रस्तावों पर प्रतिक्रिया मिली है और जल्दी अंतिम मानदंड सामने आएंगे।
नैबफिड के कर्ज वृद्धि के बारे में पूछे जाने पर, राव ने कहा कि जब भी अनुरोध आएगा आरबीआई उसपर विचार करेगा।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि बुनियादी ढांचे में निवेश के मामले में निजी क्षेत्र की भूमिका महत्वपूर्ण है।
राव ने कहा कि नैबफिड निजी क्षेत्र के निवेश प्राप्त करने के लिए उत्प्रेरक के रूप में ‘परिवर्तनकारी भूमिका’ निभा सकता है।
डिप्टी गवर्नर ने कहा कि नैबफिड को विशेष रूप से जोखिम प्रबंधन को मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए। इससे आगे चलकर एक मजबूत संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा।
भाषा रमण अजय
अजय
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