नयी दिल्ली, 21 दिसंबर (भाषा) सर्दियों के मौसम की मांग के बीच देश के प्रमुख बाजारों में शनिवार को सरसों तेल-तिलहन के दाम मामूली सुधार के साथ बंद हुए। बिनौला सीड के दाम में सुधार के कारण मूंगफली खल का दाम सुधरने से मूंगफली तिलहन तथा कम आवक के बीच मांग में कुछ सुधार के कारण सोयाबीन तिलहन के दाम में सुधार दर्ज हुआ।
दूसरी ओर, सभी खाद्यतेलों के ऊंचा दाम होने की वजह से मांग प्रभावित रहने से कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल तथा कल रात शिकागो एक्सचेंज में गिरावट रहने की वजह से सोयाबीन तेल कीमतें हानि के साथ बंद हुई। कमजोर निर्यात मांग के कारण मूंगफली तेल और विदेशों में खाद्यतेल कीमतों में गिरावट रहने के बीच बिनौला तेल के दाम अपरिवर्तित रहे।
शिकॉगो एक्सचेंज बीती रात दो प्रतिशत से ज्यादा टूट गया था।
बाजार सूत्रों ने बताया कि भारतीय कपास निगम (सीसीआई) ने कल एक बार फिर से बिनौला सीड के दाम में 50-100 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की है और इस वृद्धि के बाद भी उसका अधिकतम बिनौला सीड बिक गया। इससे सरकार को फायदा होने के साथ साथ कपास किसानों को भी फायदा पहुंचा है। यह एक अच्छा कदम है और बाजार में अन्य तेलों पर बिनौला सीड का दाम कम रहने से जो दवाब था, वह कम हो गया है। सीसीआई ने बिनौला सीड के दाम में थोड़ी और बढ़ोतरी की तो किसानों की बांछे खिल उठेंगी।
उन्होंने कहा कि बिनौला सीड के दाम में वृद्धि करने से मूंगफली, सरसों, सोयाबीन के खल, डीओसी के दाम में सुधार के साथ साथ उनके तेल-तिलहन के दाम पर भी असर आया है।
सूत्रों ने कहा कि जाड़े की मांग निकलने और आवक कम रहने के बीच सरसों तिलहन और सरसों दादरी के भाव पूर्ववत बने रहे। लेकिन सरसों पक्की एवं कच्ची घानी के भाव में 5-5 रुपये क्विंटल का मामूली सुधार दर्ज हुआ।
बिनौला सीड का दाम सुधरने से मूंगफली खल के दाम में भी मजबूती आई और इससे मूंगफली तिलहन के दाम में सुधार आया। बाजार में सोयाबीन की 10-12 दिन पहले आवक 6.5-7 लाख बोरी की जगह घटकर आज मात्र लगभग 2.5 लाख बोरी रह गई। आवक में गिरावट और मामूली मांग बढ़ने से सोयाबीन तिलहन के दाम भी सुधार के साथ बंद हुए।
दूसरी ओर, विदेशों में खाद्यतेलों के दाम टूटने के बीच पाम एवं पामोलीन तेल के दाम जमीन पर लोटते दिखे। सरसों, सोयाबीन, मूंगफली से पाम एवं पामोलीन तेल के दाम काफी अधिक होने से सीपीओ और पामोलीन की मांग कमजोर है। इस वजह से पाम, पामोलीन में गिरावट रही। कल रात शिकागो एक्सचेंज के दो प्रतिशत से अधिक की गिरावट के कारण सोयाबीन तेल के दाम में भी गिरावट देखी गई।
निर्यात मांग कमजोर रहने के बीच मूंगफली तेल तथा विदेशी खद्यतेलों के दाम में गिरावट के बीच बिनौला तेल के दाम पूर्वस्तर पर बने रहे।
तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन – 6,500-6,550 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली – 5,825-6,150 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 14,050 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,130-2,430 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 13,525 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 2,265-2,365 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,265-2,390 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 12,950 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,700 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,950 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 12,550 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 11,600 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,800 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 12,750 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना – 4,175-4,225 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 3,875-3,975 रुपये प्रति क्विंटल।
मक्का खल (सरिस्का)- 4,100 रुपये प्रति क्विंटल।
भाषा राजेश राजेश पाण्डेय
पाण्डेय
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
खबर जीएसटी सीतारमण आठ
19 mins agoखबर जीएसटी सीतारमण सात
21 mins agoखबर जीएसटी सीतारमण छह
24 mins agoखबर जीएसटी सीतारमण पांच
25 mins agoखबर सीएसटी सीतारमण तीन
32 mins ago