ऊंचे भाव पर खपने की दिक्कत से सरसों तेल-तिलहन में गिरावट |

ऊंचे भाव पर खपने की दिक्कत से सरसों तेल-तिलहन में गिरावट

ऊंचे भाव पर खपने की दिक्कत से सरसों तेल-तिलहन में गिरावट

:   Modified Date:  September 17, 2024 / 08:22 PM IST, Published Date : September 17, 2024/8:22 pm IST

नयी दिल्ली, 17 सितंबर (भाषा) ऊंचे भाव पर खपने की दिक्कत की समस्या से देश के तेल-तिलहन बाजार में मंगलवार को सरसों तेल-तिलहन के दाम में गिरावट देखने को मिली जबकि डी-आयल्ड केक (डीओसी) की कमजोर मांग के कारण सोयाबीन तिलहन के दाम भी नुकसान के साथ बंद हुए। अन्य मूंगफली तेल-तिलहन, सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल के भाव पूर्ववत बने रहे।

मलेशिया एक्सचेंज में मामूली गिरावट चल रही है जबकि शिकागो एक्सचेंज में मामूली सुधार जारी है।

बाजार सूत्रों ने कहा कि सरकार की ओर से त्योहारों के दौरान खाद्यतेलों की मंहगाई पर रोक लगाने के मकसद से खाद्यतेलों के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) को यथावत रखने पर जोर दिया जा रहा है।

सूत्रों ने कहा कि संभवत: इस पहल से अपेक्षित परिणाम नहीं निकलें और इस नियंत्रण के लिए सरकार को खाद्यतेलों के एमआरपी की नियमित अंतराल पर उद्घघोषणा किसी सरकारी पोर्टल पर करने जैसा इंतजाम करना चाहिये।

उन्होंने कहा कि खाद्यतेलों पर आयात शुल्क में वृद्धि किये जाने के बाद मुक्त व्यापार समझौते वाले विशेषकर नेपाल और बांग्लादेश जैसे देशों से सोयाबीन, सूरजमुखी, पामोलीन जैसे खाद्यतेलों का आयात बढ़ने की उम्मीद हो सकती है क्योंकि इन खाद्यतेलों पर आयात शुल्क नहीं लगता। इसे नियंत्रित करने के लिए सरकार को इन खाद्यतेलों को पश्चिम बंगाल और बिहार जैसे उत्तरी राज्यों में राशन की दुकानों के जरिये वितरण कराने के बारे में विचार करना चाहिये। इससे यहां के तिलहन किसान भी प्रभावित नहीं होंगे और आयातित तेल उपभोक्ताओं को सस्ते दाम पर उपलब्ध भी हो जायेगा।

सूत्रों ने कहा कि डीओसी की कमजोर मांग की वजह से सोयाबीन तिलहन में गिरावट है। लेकिन सोयाबीन तेल की मांग रुके होने से सोयाबीन तेल के भाव पूर्ववत रहे। सोयाबीन आयात का भाव 86.20 रुपये किलो बैठता है और मांग स्थिर होने से 86 रुपये किलो के भाव बिकवाली करनी पड़ती हैं। इस कारण से सोयाबीन तेल कीमतों में ठहराव है।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 6,475-6,525 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,275-6,550 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 15,000 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,260-2,560 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 13,350 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,080-2,180 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,080-2,195 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 11,850 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 11,750 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,600 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,100 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 11,400 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 12,150 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 11,200 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,825-4,875 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,600-4,735 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,225 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)