नयी दिल्ली, 27 जून (भाषा) बिजली मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) के महानिदेशक अभय बाकरे ने सोमवार को कहा कि बीईई के लिये लघु एवं मझोले उपक्रम (एमएसएमई) शीर्ष प्राथमिकता वाला क्षेत्र है। इसका कारण यह है कि उन्हें ऊर्जा के स्वच्छ विकल्प को अपनाने के लिये कम निवेश की ही जरूरत है।
विश्व एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) दिवस के मौके पर इंस्टिट्यूट फॉर सस्टेनेबल कम्यूनिटीज (आईएससी) के सहयोग से वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टिट्यूट इंडिया (डब्ल्यूआरआईआई) द्वारा आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए बाकरे ने स्वच्छ ऊर्जा को लेकर छोटे उद्योगों के सकारात्मक रुख की सराहना की।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लिये एमएसएमई शीर्ष प्राथमिकता वाला क्षेत्र है। उन्हें ऊर्जा के स्वच्छ विकल्प को अपनाने के लिये थोड़े ही निवेश की जरूरत होती है।’’
बाकरे ने कहा, ‘‘ हमें विश्वास है कि हम… क्षेत्र के लिए जो कुछ भी करेंगे, वह भारत के स्वच्छ ऊर्जा बदलाव को गति देगा।’’
डब्ल्यूआरआईआई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ओ पी अग्रवाल ने कहा, ‘‘भारत 6.3 करोड़ लघु उद्यमों की ऊर्जा आवश्यकताओं और स्वच्छ ऊर्जा चुनौतियों का हल किये बिना 2070 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल नहीं कर सकता। इस क्षेत्र के लिये समाधान उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा…।’’
उन्होंने कहा कि स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने से क्षेत्र की प्रतिस्पर्धी क्षमता के साथ लाभ मार्जिन भी बढ़ेगा।
भाषा
रमण अजय
अजय
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