नयी दिल्ली, तीन दिसंबर (भाषा) मलेशिया एक्सचेंज में सुबह से तीन प्रतिशत से अधिक तेजी रहने के बीच मंगलवार को देश के प्रमुख बाजारों में कच्चा पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन के साथ साथ बाकी तेल-तिलहनों पर भी अनुकूल असर हुआ तथा सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल के दाम मजबूती के साथ बंद हुए।
बिनौला खल के दाम तोड़े जाने के बाद इस बात का असर सोयाबीन पर भी हुआ और जिस कारण सोयाबीन तिलहन के दाम में गिरावट देखी गई। मूंगफली तेल-तिलहन के दाम पूर्वस्तर पर बने रहे।
सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में सुबह से लगभग तीन प्रतिशत की मजबूती चल रही है। उन्होंने कहा कि मलेशिया के पास पामतेल रखने की जगह की कमी है फिर भी वहां लगातार दाम का मजबूत होना समझ से परे है और वहां के कारोबार में सट्टेबाजी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। शिकागो एक्सचेंज में भी लगभग 1.5 प्रतिशत की तेजी है।
बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशी खाद्यतेलों के दाम मजबूत होने का असर देश के अधिकांश तेल-तिलहन कीमतों पर भी हुआ और सरसों के दाम में मामूली सुधार देखने को मिला। मलेशिया एक्सचेंज की मजबूती की वजह से सीपीओ और पामोलीन तेल के दाम में भी सुधार है।
विदेशी खाद्यतेलों के दाम में सुधार की वजह से बिनौला तेल के दाम में भी सुधार आया। जाड़े में साबुत मूंगफली दाना खाने वालों की मांग के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए।
सूत्रों ने कहा कि सबसे अधिक मवेशी आहार के उपयोग के लिए खल की प्राप्ति बिनौला से (लगभग 88-90 प्रतिशत) और मुर्गीदाने के लिए डी-आयल्ड केक (डीओसी) सोयाबीन से (लगभग 82 प्रतिशत) निकलता है। खाद्यतेल की घट-बढ़ की चाल भी इन खलों और डीओसी के द्वारा तय होती है। खल का दाम तोड़ने से इसका असर पूरी कारोबारी धारणा पर होता है और बाकी तेल-तिलहनों के दाम भी इससे प्रभावित होते हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय कपास निगम (सीसीआई) ने किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कपास की खरीद की और नरमा रखकर इससे निकलने वाले बिनौले को हाजिर भाव से कम दाम पर लगातार बेचा। सीसीआई को हाजिर दाम से कम दाम पर बिकवाली करने और बाजार धारणा खराब होने से बचाने के लिए बिनौला का स्टॉक बनाना चाहिये और अच्छी कीमत मिलने के वक्त बेचना चाहिये।
तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन – 6,600-6,650 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली – 6,100-6,475 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 14,100 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,130-2,430 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 13,750 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 2,280-2,380 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,280-2,405 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,825 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,775 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,825 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 13,100 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,700 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 14,500 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 13,400 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना – 4,375-4,425 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 4,075-4,110 रुपये प्रति क्विंटल।
मक्का खल (सरिस्का)- 4,100 रुपये प्रति क्विंटल।
भाषा राजेश राजेश रमण
रमण
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