सूक्ष्म वित्त संस्थान अंधाधुंध कर्ज देने से बचें: वित्तीय सेवा सचिव |

सूक्ष्म वित्त संस्थान अंधाधुंध कर्ज देने से बचें: वित्तीय सेवा सचिव

सूक्ष्म वित्त संस्थान अंधाधुंध कर्ज देने से बचें: वित्तीय सेवा सचिव

:   Modified Date:  October 23, 2024 / 03:04 PM IST, Published Date : October 23, 2024/3:04 pm IST

नयी दिल्ली, 23 अक्टूबर (भाषा) वित्तीय सेवा सचिव एम नागराजू ने बुधवार को कहा कि छोटी राशि के कर्ज देने वाले वित्तीय संस्थानों (एमएफआई) ने वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, लेकिन उन्हें अंधाधुंध ऋण देने से बचना चाहिए।

यहां ‘सा-धन’ के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी को इस मामले में सावधान रहना चाहिए। स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) या संयुक्त रूप से कर्ज लेने वाले समूहों (जेएलजी) को बिना सोचे विचारे या जोखिम से निपटने के लिए नियमों का कड़ाई से पालन किये बिना ऋण देने से इस क्षेत्र को नुकसान होगा।’’

उन्होंने कहा कि जो कुछ भी उनकी भुगतान करने की क्षमता को प्रभावित करेगा, वह वास्तव में एमएफआई को नुकसान पहुंचाएगा।

सचिव ने कहा, ‘‘इसीलिए, हमें इस बात में बहुत सावधान रहना चाहिए कि हम क्या, कब और कैसे कर्ज देते हैं। इसका कारण उनकी वित्तीय साक्षरता सीमित है…हमें वास्तव में उन्हें सशक्त बनाने का प्रयास करना चाहिए। आवश्यक वित्त प्रदान करें और उनकी मदद भी सुनिश्चित करें ताकि वे फलें-फूलें और आगे बढ़ें।’’

नागराजू ने कहा कि स्वयं सहायता समूह को बैंक से जोड़ने के कार्यक्रम के तहत 77 लाख से अधिक समूह हैं। उनके पास 2.6 लाख करोड़ रुपये का बकाया ऋण है। इससे लगभग 10 करोड़ गरीब परिवारों को लाभ मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि संयुक्त रूप से कर्ज लेने वाले समूह भी 4.4 लाख करोड़ रुपये की बकाया कर्ज राशि के साथ लगभग आठ करोड़ गरीब परिवारों को लाभ पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

नागराजू ने कहा कि सरकार महिला सशक्तीकरण के उद्देश्य से लखपति दीदी योजना भी लागू कर रही है। इस योजना का उद्देश्य स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को महिला उद्यमियों में बदलना है ताकि वे अपना कारोबार स्थापित करने और उसे आगे बढ़ाने में सक्षम हो सकें।

भाषा रमण अजय

अजय

 

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