सरकारी उपक्रमों के रणनीतिक विनिवेश की नीति के दायरे से बाहर हैं प्रमुख बंदरगाह न्यास, एएआई | Major Port Trusts, AAI are outside the purview of the policy of strategic disinvestment of PSUs

सरकारी उपक्रमों के रणनीतिक विनिवेश की नीति के दायरे से बाहर हैं प्रमुख बंदरगाह न्यास, एएआई

सरकारी उपक्रमों के रणनीतिक विनिवेश की नीति के दायरे से बाहर हैं प्रमुख बंदरगाह न्यास, एएआई

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:52 PM IST
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Published Date: February 7, 2021 9:04 am IST

नयी दिल्ली, सात फरवरी (भाषा) प्रमुख बंदरगाह न्यास, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) समेत नोटों व सिक्कों की छपाई-ढलाई में लगी कंपनियों जैसे चुनिंदा सरकारी उपक्रम रणनीतिक विनिवेश नीति के दायरे से बाहर रखे गये हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस महीने की शुरुआत में पेश बजट में आत्मनिर्भर भारत के तहत नयी सार्वजनिक उपक्रम विनिवेश नीति की घोषणा की। इसमें कहा गया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के वाणिज्यिक उपक्रमों को रणनीतिक और गैर-रणनीतिक क्षेत्र में वर्गीकृत किया गया है। इसके तहत जिन उपक्रमों का विनिवेश करने का प्रस्ताव है, उनमें केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम, सरकारी बैंक और सरकारी बीमा कंपनियां शामिल हैं।

नीति के अनुसार, ‘‘वैसे निकाय जो मुनाफा कमाने के लिये नहीं बनी कंपनियां हैं या संकटग्रस्त समूहों को समर्थन प्रदान करती हैं अथवा विकास या संवर्धन में भूमिका रखती हैं, उनके ऊपर यह नीति लागू नहीं होगी।’’

बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विनिवेश / रणनीतिक विनिवेश नीति का अनावरण किया, जिसमें चार रणनीतिक क्षेत्र हैं। इनमें कुछ उपक्रमों को ही बरकरार रखा जायेगा। इनके अलावा अन्य कंपनियों का या तो निजीकरण किया जायेगा या उनका आपस में विलय कर दिया जायेगा या उन्हें बंद कर दिया जायेगा।

इन चार क्षेत्रों में तीन क्षेत्र परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष व रक्षा; परिवहन व दूरसंचार और बिजली, पेट्रोलियम, कोयला व अन्य खनिज हैं। इनके अलावा गैर-रणनीतिक क्षेत्रों में बैंकिंग, बीमा और वित्तीय सेवा जैसे सीपीएसई का निजीकरण किया जायेगा या इन्हें बंद करने पर विचार किया जाएगा।

भाषा सुमन अजय

अजय

 

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