नयी दिल्ली, 12 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को तमिलनाडु स्थित कोस्टल एनर्जेन प्राइवेट लिमिटेड (सीईपीएल) की दिवाला समाधान प्रक्रिया से संबंधित मामले में राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) द्वारा आदेश पारित करने से पहले छह सितंबर की यथास्थिति को बरकरार रखने का आदेश दिया।
एनसीएलएटी की चेन्नई पीठ ने छह सितंबर को संकटग्रस्त कंपनी सीईपीएल के पुनरुद्धार के लिए कंपनियों के गठजोड़- डिकी अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट और अदाणी पावर लिमिटेड की 3,335 करोड़ रुपये की समाधान योजना पर प्रभावी रूप से रोक लगा दी थी।
एनसीएलएटी ने आदेश दिया था कि संकटग्रस्त सीईपीएल की दिवाला समाधान प्रक्रिया में आज की (छह सितंबर की) स्थिति को यथावत रखा जाए।
एनसीएलएटी का आदेश राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के आदेश के खिलाफ अपील पर आया था। एनसीएलटी ने सीईपीएल के लिए कंपनियों के गठजोड़ की 3,335 करोड़ रुपये की समाधान योजना को मंजूरी दी थी।
सीईपीएल के पास तमिलनाडु के तूतीकोरिन में आयातित कोयला आधारित पनबिजली संयंत्र का स्वामित्व था और वह दिवाला कार्यवाही का सामना कर रही थी।
न्यायालय एनसीएलएटी के छह सितंबर के आदेश के खिलाफ सफल समाधान आवेदक (एसआरए) फर्मों के संघ की अपील पर सुनवाई कर रहा था।
भाषा अनुराग अजय
अजय
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