Mahatma Gandhi's picture will no longer be on the notes? RBI gave this answer

नोटों पर अब नहीं होगी महात्मा गांधी की तस्वीर? आरबीआई ने दिया ये जवाब

नोटों पर अब नहीं होगी महात्मा गांधी की तस्वीर? : Mahatma Gandhi's picture will no longer be on the notes? RBI gave this answer

Edited By :  
Modified Date: November 29, 2022 / 08:13 PM IST
,
Published Date: June 6, 2022 3:36 pm IST

मुंबई : Mahatma Gandhi’s picture  भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को कहा कि बैंक नोटों पर महात्मा गांधी के चित्र को बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है। आरबीआई ने एक बयान में कहा कि मीडिया के कुछ वर्गों में ऐसी खबरें आई हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक महात्मा गांधी के चित्र को अन्य लोगों के साथ बदलकर मौजूदा मुद्रा और बैंक नोटों में बदलाव करने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। बयान में कहा गया, ‘‘रिजर्व बैंक में ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।’’

Read more : लव, सेक्स और धोखाः पहले की दोस्ती, फिर शादी का झांसा देकर बनाए संबंध, अब पहुंचा सलाखों के पीछे 

Mahatma Gandhi’s picture  पिछले दिनों कुछ खबरों में बताया गया था कि वित्त मंत्रालय और आरबीआई कुछ मूल्यवर्ग के बैंक नोटों पर रवींद्रनाथ टैगोर और एपीजे अब्दुल कलाम सहित अन्य प्रमुख भारतीयों के चित्रों का उपयोग करने पर विचार कर रहे हैं।

Read more :  GOOD NEWS: ‘यूजर आईडी’ को आधार से लिंक करने पर महीने में अब कर सकते हैं 24 ट्रेन टिकट बुक 

आपको बता दें कि इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि भारतीय रिजर्व बैंक पहली बार करेंसी पर रवींद्रनाथ टैगोर और डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम की फोटो लगाने की तैयारी में है। इसमें कहा गया था कि अब तक भारतीय करेंसी पर महात्मा गांधीकी तस्वीर ही देखी गई है, लेकिन जल्द ही नोटों पर देश अन्य महापुरुषों की फोटो भी नजर आ सकती है।

Read more : लव, सेक्स और धोखाः पहले की दोस्ती, फिर शादी का झांसा देकर बनाए संबंध, अब पहुंचा सलाखों के पीछे 

रिपोर्ट में क्या कहा गया था?

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि नोट में यह बदलाव लाने के लिए वित्त मंत्रालय और आरबीआई जल्द ही बड़ा कदम उठा सकते हैं। इसे दो सेट तैयार किए गए हैं, जिसे आईआईटी दिल्ली एमेरिटस प्रोफेसर दिलीप टी शाहनी को भेजा गया है। प्रोफेसर साहनी को इनमें से एक सेट चुनने की जिम्मेदारी दी गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, RBI के तहत काम करने वाले सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया की ओर से महात्मा गांधी, रबीन्द्रनाथ टैगोर और एपीजे अब्दुल कलाम की वॉटरमार्क वाली तस्वीरों के अलग-अलग दो सेट प्रोफेसर साहनी के पास भेजे गए थे। इन्हें दो में से एक सेट को चुनकर सरकार को भेजने को कहा गया था।