मुंबई, 15 नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र में आभूषण विक्रेताओं को शादियों के सीजन के बीच विधानसभा चुनाव होने के चलते चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
एक उद्योग निकाय ने दावा किया कि जरूरी कागजात होने के बावजूद अधिकारी उनके सामान और बैंक खातों को जब्त कर रहे हैं।
राज्य में 20 नवंबर को होने वाले चुनावों के मद्देनजर 15 अक्टूबर से आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू है। चुनाव आयोग ने राज्य में उड़न दस्ते और निगरानी दल गठित किए हैं।
अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (जीजेसी) के चेयरमैन संयम मेहरा ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हमें माल की आवाजाही के बारे में चुनाव आयोग कार्यालय से स्पष्ट जानकारी मिली है, और हम उनके आभारी हैं। हालांकि, आभूषण विक्रेताओं को अब भी सभी जरूरी दस्तावेज दिखाने के बावजूद अपने खातों को जब्त करने जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में शादी के मौसम के दौरान निर्बाध व्यापार में बाधा पैदा हो रही है।’’
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के निर्देश पर काम कर रहे अधिकारियों ने जो माल जब्त किया है, उसे चुनाव खत्म होने के बाद ही वापस किया जाएगा।
मेहरा ने कहा कि रत्न एवं आभूषण उद्योग महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के बाद प्रोत्साहनों और कर रियायतों की उम्मीद कर रहा है। यह रोजगार देने वाला एक प्रमुख क्षेत्र है।
उन्होंने कहा कि बड़ी विनिर्माण इकाइयों के संदर्भ में उद्योग बिजली शुल्क में रियायत चाहता है। इसके अलावा हमारी मांग है कि गारंटी मुक्त कारोबारी ऋण की सीमा को दो करोड़ रुपये से बढ़ाकर पांच करोड़ रुपये किया जाए।
भाषा अजय पाण्डेय
अजय
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)