नयी दिल्ली, 27 जनवरी (भाषा) प्रयागराज में जारी महाकुंभ मेले से लौटे उद्योगपति गौतम अदाणी ने सोमवार को कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा इंसानी समागम सिर्फ धार्मिक आयोजन न होकर टिकाऊ सभ्यता का एक खाका भी है।
अदाणी समूह के चेयरमैन अदाणी ने पेशेवर नेटवर्किंग मंच ‘लिंक्डइन’ पर एक ब्लॉग में महाकुंभ से जुड़े अपने अनुभवों को साझा किया। वह अपने परिवार के साथ 21 जनवरी को प्रयागराज में संगम तट पर चल रहे महाकुंभ में शामिल हुए।
उन्होंने कहा, ‘‘जहां भारत एक वैश्विक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है, वहीं हमें याद रखना चाहिए कि हमारी ताकत सिर्फ उसमें नहीं है जो हम बनाते हैं, बल्कि उसमें है जो हम संरक्षित करते हैं। कुंभ सिर्फ एक धार्मिक समागम नहीं है, यह टिकाऊ सभ्यता का एक खाका है।’’
उन्होंने कहा कि कुंभ मेला इस बात की याद दिलाता है कि असली मानदंड बही-खाते नहीं बल्कि मानवीय चेतना पर सकारात्मक प्रभाव के रूप में मापा जाता है।
अदाणी ने कहा, ‘‘कुंभ में हमें भारत की ‘सॉफ्ट पावर’ का सार देखने को मिलता है। यह एक ऐसी शक्ति है जो विजय में नहीं बल्कि चेतना में निहित है, प्रभुत्व में नहीं बल्कि सेवा में निहित है। भारत की असली ताकत इसकी आत्मा में निहित है, जहां वृद्धि सिर्फ आर्थिक शक्ति न होकर मानवीय चेतना और सेवा का संगम है।’’
उन्होंने कहा कि कुंभ में पैमाना सिर्फ आकार के बारे में नहीं बल्कि प्रभाव के बारे में है।
अदाणी समूह के प्रमुख ने कहा, ‘‘जब 20 करोड़ लोग समर्पण एवं सेवा के साथ इकट्ठा होते हैं, तो यह सिर्फ एक आयोजन नहीं बल्कि आत्माओं का एक अनूठा संगम होता है।’’
भाषा प्रेम
प्रेम अजय
अजय
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)