मध्य प्रदेश सरकार ने पेश किया 3.65 लाख करोड़ रुपये का बजट, कोई नया कर नहीं |

मध्य प्रदेश सरकार ने पेश किया 3.65 लाख करोड़ रुपये का बजट, कोई नया कर नहीं

मध्य प्रदेश सरकार ने पेश किया 3.65 लाख करोड़ रुपये का बजट, कोई नया कर नहीं

:   Modified Date:  July 3, 2024 / 07:13 PM IST, Published Date : July 3, 2024/7:13 pm IST

(तस्वीर के साथ)

भोपाल, तीन जुलाई (भाषा) मध्य प्रदेश सरकार ने बुधवार को विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 3.65 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया जिसमें कोई भी नया कर नहीं लगाया गया है।

राज्य के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने विधानसभा में वित्त वर्ष 2024-25 का बजट पेश करते हुए इसे ‘सर्वस्पर्शी’ बताया। इसमें बुनियादी ढांचे के विकास और महिलाओं एवं आदिवासियों के लिए संचालित योजनाओं के लिए पर्याप्त आवंटन किया गया है।

हालांकि विधानसभा की कार्यवाही के दौरान विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों ने नर्सिंग कॉलेज ‘घोटाले’ को लेकर पूर्व चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के इस्तीफे की मांग की। उन्होंने सभी दलों के सदस्यों की एक समिति बनाने की मांग को लेकर भी हंगामा किया।

इस शोरगुल के बीच देवड़ा ने कहा, ‘वर्ष 2024-25 के बजट का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में अर्थव्यवस्था के आकार को दोगुना करना है। इसके लिए सड़कों, सिंचाई, बिजली, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं में पूंजी निवेश को बढ़ाना, रोजगार सृजन के लिए निवेश आकर्षित करना और बेहतर राजकाज को बढ़ावा देना शामिल है।’

बजट में 3.65 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव किया गया है जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 16 प्रतिशत अधिक है। महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए 26,560 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 81 प्रतिशत अधिक है।

बजट में पूंजीगत व्यय 15 प्रतिशत बढ़कर सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 4.25 प्रतिशत हो जाने का अनुमान जताया गया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 4.11 प्रतिशत रहने का अनुमान है। बुनियादी ढांचे के लिए आवंटन 49,009 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 53,460 करोड़ रुपये, शहरी और ग्रामीण विकास के लिए 39,326 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 44,588 करोड़ रुपये, अनुसूचित जनजाति उप-योजना (40,804 करोड़ रुपये) और अनुसूचित जाति उप-योजना (27,900 करोड़ रुपये) किया गया है।

मध्य प्रदेश सरकार की चर्चित ‘लाडली बहना योजना’ के लिए 18,984 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जबकि सरकारी प्राथमिक विद्यालयों की स्थापना के लिए 15,509 करोड़ रुपये और मध्य विद्यालयों के लिए 9,258 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।

कृषि क्षेत्र का आवंटन पिछले वित्त वर्ष के 22,732 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 26,126 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

देवड़ा ने प्रति व्यक्ति आय में सुधार और गरीबी उन्मूलन प्रयासों का हवाला देते हुए आने वाले वर्षों में बजट का आकार दोगुना करने की योजना का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘राज्य में प्रति व्यक्ति आय 2003-2004 में 13,465 रुपये से बढ़कर 2022-23 में 1.42 लाख रुपये हो गई है।’

नीति आयोग के आंकड़ों का हवाला देते हुए देवड़ा ने बताया कि पिछले एक दशक में 2.30 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले। इससे गरीबी में उल्लेखनीय कमी आई है।

राज्य के 30 जिलों में संत रविदास स्मारक का निर्माण और उज्जैन में 2028 सिंहस्थ सम्मेलन से संबंधित बुनियादी ढांचे के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान भी बजट में किया गया है।

इसके अलावा मध्य प्रदेश में भगवान कृष्ण से संबंधित मार्ग की पहचान और विकास के लिए ‘श्री कृष्ण पाथेय योजना’ और ‘राम पथ गमन योजना’ जैसी सांस्कृतिक और धार्मिक पर्यटन पहलों पर भी जोर दिया गया है। इसके साथ ही ‘वेदांत पीठ’ की स्थापना के लिए 341 करोड़ रुपये का आवंटन भी किया गया है।

बजट भाषण के दौरान विपक्ष के कई विधायक नर्सिंग कॉलेज घोटाले पर नारेबाजी करते हुए सदन के आसन के समीप पहुंच गए। सीबीआई कई नर्सिंग कॉलेजों के कामकाज में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही है, जिनमें बुनियादी ढांचे की कमी है जबकि कुछ कॉलेज केवल कागजों पर ही मौजूद हैं।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण

 

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