मुंबई, 25 नवंबर (भाषा) चालू वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी छमाही में 59 प्रतिशत नियोक्ताओं ने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की योजना बनाई है।
एक रिपोर्ट में यह जानकारी देते हुए बताया गया कि अक्टूबर, 2024 – मार्च, 2025 के दौरान लॉजिस्टिक, ई-कॉमर्स और विनिर्माण क्षेत्र की अगुवाई में कार्यबल 7.1 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है।
टीमलीज सर्विसेज की ‘अक्टूबर, 2024 से मार्च, 2025 के लिए रोजगार परिदृश्य रिपोर्ट’ के अनुसार, करीब 22 प्रतिशत नियोक्ता अपने मौजूदा कार्यबल को बनाए रखेंगे।
रिपोर्ट प्राथमिक और द्वितीयक शोध पर आधारित है, जिसमें 20 शहरों में 23 उद्योगों के 1,307 नियोक्ताओं से राय ली गई।
इसमें कहा गया कि ये निष्कर्ष एक गतिशील भर्ती परिदृश्य का संकेत देते हैं, जहां उद्योग विशिष्ट मांग और व्यापक आर्थिक कारक रोजगार के रुझान को महत्वपूर्ण रूप से आकार दे रहे हैं।
लॉजिस्टिक क्षेत्र 14.2 प्रतिशत शुद्ध रोजगार वृद्धि के साथ सबसे आगे है। इस क्षेत्र की 69 प्रतिशत कंपनियां कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने पर विचार कर रही हैं।
लॉजिस्टिक के बाद ईवी और ईवी अवसंरचना (12.1 प्रतिशत), कृषि तथा कृषि रसायन (10.5 प्रतिशत), और ई-कॉमर्स तथा प्रौद्योगिकी स्टार्टअप (8.9 प्रतिशत) का स्थान है।
इसके अलावा वाहन उद्योग में 8.5 प्रतिशत और खुदरा क्षेत्र में 8.2 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि कोयंबटूर, गुरुग्राम, बेंगलुरु, मुंबई और हैदराबाद रोजगार के प्रमुख केंद्र हैं।
टीमलीज स्टाफिंग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) कार्तिक नारायण ने कहा कि रोजगार परिदृश्य तेजी से प्रौद्योगिकी और नीति-संचालित बदलावों से आकार ले रहा है। कार्यबल को स्थापित शहरी केंद्रों से लेकर उभरते शहरों तक लॉजिस्टिक, ईवी और प्रौद्योगिकी स्टार्टअप जैसे क्षेत्रों की मांग को पूरा करने के लिए ढाला जा रहा है।
भाषा पाण्डेय अजय
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