(कमल किशोर शंकर)
नयी दिल्ली, 30 दिसंबर (भाषा) श्रम संहिताओं को तेजी से लागू करना, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों खासकर ‘गिग’ तथा ऑनलाइन कंपनियों के लिए काम करने वाले कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना और बदलावकारी नीतियों के साथ 2025 में सभी को सशक्त बनाना और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना सरकार की प्राथमिकता होगी।
श्रम मंत्रालय के अनुसार, सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 31 मार्च, 2025 तक चार श्रम संहिताओं के तहत नियमों के मसौदे के सामंजस्य तथा पूर्व-प्रकाशन पूरा करने की उम्मीद है।
मंत्रालय ने श्रम कानूनों में चार सुधारों की पहचान की है, जैसे एकल पंजीकरण, एकल रिटर्न, पांच साल की वैधता के साथ कंपनी-आधारित सामान्य लाइसेंस।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार तथा युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ बातचीत में कहा, ‘‘ नव वर्ष के मुहाने पर हमारी प्रतिबद्धता दृढ़ है..भारत के लिए एक मजबूत, समावेशी और भविष्य के लिए तैयार कार्यबल का निर्माण करना।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ 2024 में हमने ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) और ईएसआईसी (कर्मचारी राज्य बीमा निगम) की सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) प्रणालियों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की, जिससे शिकायतों का त्वरित तथा कुशल समाधान संभव हो सका।’’
‘गिग’ तथा ऑनलाइन मंचों के लिए काम करने वाले श्रमिकों के बढ़ते महत्व को स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने उनकी सामाजिक सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं। यह एक ऐसी यात्रा है जो जारी है और यह मुख्य एजेंडा में शामिल है।
‘गिग वर्कर’ से तात्पर्य ऑनलाइन मंचों से जुड़े कर्मचारियों से है जो आमतौर पर अपने काम के आधार पर भुगतान पाते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ भविष्य की बात करें तो हम श्रम संहिताओं को लागू करने में तेजी लाने और परिवर्तनकारी नीतियां लागू करने के लिए संकल्पबद्ध हैं, जो प्रत्येक नागरिक को राष्ट्र की विकास गाथा में सार्थक योगदान देने के लिए सशक्त बनाएंगी।’’
सामाजिक सुरक्षा, औद्योगिक संबंध, मजदूरी और व्यावसायिक सुरक्षा स्वास्थ्य एवं कार्य स्थितियों (ओएसएच) पर चार श्रम संहिताएं संसद में पारित हुई हैं। इन्हें पूरे देश में तभी लागू किया जा सकता है जब केंद्र तथा राज्य एक साथ संबंधित नियमों को अधिसूचित करें क्योंकि श्रम एक समवर्ती विषय है।
अन्य मुद्दों के अलावा इसमें ‘‘मजदूरी’’ की एक समान परिभाषा का प्रावधान है, जिससे श्रम कानून की कई व्याख्याओं तथा संबंधित मुकदमों को कम करने में मदद मिलेगी। इसके तहत सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करने के लिए योजनाएं तैयार करने के उद्देश्य से ‘गिग’ और ऑनलाइन मंचों के श्रमिकों को परिभाषित किया गया है।
श्रम संहिता नियमों के अलावा, सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सदस्यों और पेंशनभोगियों के लिए प्रक्रियाओं को सुगम बनाने और विभिन्न श्रमिकों का ब्योरा तैयार कर सामाजिक सुरक्षा लाभ का विस्तार करने के लिए कदम उठाए हैं।
ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने एक केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (सीपीपीएस) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिससे ईपीएस पेंशनभोगी जनवरी, 2025 से भारत में कहीं भी, किसी भी बैंक, किसी भी शाखा से पेंशन प्राप्त कर सकेंगे।
इसके अलावा सरकार ने रोजगार को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय बजट 2024-25 में रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना की भी घोषणा की।
भाषा निहारिका अजय
अजय
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