नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाषा) श्रम मंत्रालय अधिक पेंशन के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सदस्यों को ज्यादा अंशदान की अनुमति दे सकता है। इसके लिए मंत्रालय कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (ईपीएस-95) में सुधार करने पर विचार कर रहा है।
फिलहाल ईपीएफओ के सदस्यों के वेतन (मूल वेतन और महंगाई भत्ता) का 12 प्रतिशत, ईपीएफ खाते में जाता है।
वहीं नियोक्ता के 12 प्रतिशत योगदान में से 8.33 प्रतिशत ईपीएस-95 में जाता है, जबकि शेष 3.67 प्रतिशत ईपीएफ खाते में जमा किया जाता है।
एक सूत्र ने कहा कि यदि सदस्य अपने ईपीएस-95 खाते में अधिक योगदान करते हैं तो उन्हें अधिक पेंशन मिलेगी। इसलिए, मंत्रालय ईपीएस में अधिक योगदान की अनुमति देने के विकल्पों पर विचार कर रहा है।
कर्मचारियों को संशोधित ढांचे के तहत पेंशन लाभ बढ़ाने के लिए ईपीएस-95 में योगदान करने की भी अनुमति दी जा सकती है।
सूत्र ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा लाभ में सुधार के अलावा नरेन्द्र मोदी सरकार देश में रोजगार सृजन पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है।
उन्होंने कहा कि अनुमान के अनुसार एक करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय से तीन से छह नौकरियों का सृजन होता है।
सूत्र ने बताया कि 4.19 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है और अनुमान है कि इससे 1.26 करोड़ से अधिक नौकरियां सृजित होंगी।
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