नयी दिल्ली, 14 जनवरी (भाषा) केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने राज्यों से सभी श्रमिकों तक स्वास्थ्य, बीमा एवं आकस्मिक लाभ जैसे 100 प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित करने के लिए सामाजिक सुरक्षा लाभों का विस्तार करने के साथ कल्याण बोर्डों का कामकाज सुधारने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने को कहा है।
मंत्रालय ने बयान में कहा कि ‘भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिकों’ (बीओसीडब्ल्यू) पर गठित निगरानी समिति की 13 जनवरी को हुई 16वीं बैठक में यह विचार सामने आया। हाइब्रिड ढंग से हुई इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय श्रम सचिव सुमिता डावरा ने की।
बैठक में श्रम कल्याण महानिदेशक, मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के अतिरिक्त मुख्य सचिव/ प्रमुख सचिव/ श्रम आयुक्त, बीओसीडब्ल्यू कल्याण बोर्डों के सचिव, केंद्रीय कल्याण आयुक्तों के अलावा राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण और वित्तीय सेवा विभाग के प्रतिनिधि शामिल हुए। इसमें 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
बयान के मुताबिक, बैठक में डावरा ने कहा कि राज्य/ केंद्रशासित प्रदेश बीओसी श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा का कवरेज बढ़ाने के लिए उपकर निधि के इस्तेमाल के लिए जरूरी कदम उठाएंगे।
वर्तमान में देशभर के विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के बीओसीडब्ल्यू कल्याण बोर्डों के साथ लगभग 5.73 करोड़ श्रमिक पंजीकृत हैं और 30 सितंबर, 2024 तक बोर्डों के पास उपलब्ध शेष राशि के साथ संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता है। इसका उपयोग बीओसी श्रमिकों के कल्याण के लिए विवेकपूर्ण तरीके से किया जा सकता है।
डावरा ने श्रमिकों के पंजीकरण तंत्र को मजबूत करने, सभी राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा ई-श्रम पोर्टल के साथ बीओसीडब्ल्यू बोर्डों के आंकड़ों का एपीआई एकीकरण, सभी श्रमिकों के लिए स्वास्थ्य, बीमा एवं आकस्मिक लाभ जैसे 100 प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
श्रम सचिव ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा लाभों का विस्तार कर निर्माण श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए बीओसीडब्ल्यू कल्याण बोर्डों को तत्काल काम करने की जरूरत है। उन्होंने कल्याण बोर्डों के कामकाज को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की बात भी कही।
इसके अलावा बैठक में शिकायत निवारण की प्रभावी व्यवस्था बनाने, सुरक्षा उपायों और आधुनिक निर्माण तकनीकों में श्रमिकों का प्रशिक्षण सुनिश्चित करना, न्यूनतम मजदूरी का समय पर भुगतान और कल्याणकारी योजनाओं के तहत कवरेज के संबंध में केंद्रीय एमआईएस पोर्टल पर डेटा अद्यतन करने पर भी चर्चा हुई।
डावरा ने सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों से प्रवासी श्रमिकों सहित निर्माण श्रमिकों की स्वास्थ्य जांच का अभियान चलाने का अनुरोध भी किया।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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