Labour Codes: कर्मचारियों के हाथ में आने वाली सैलरी में होगी कटौती, लेकिन PF-ग्रेच्युटी में होगा इजाफा..जानिए वजह

Labour Codes: कर्मचारियों के हाथ में आने वाली सैलरी में होगी कटौती, लेकिन PF-ग्रेच्युटी में होगा इजाफा..जानिए वजह

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  • Publish Date - June 6, 2021 / 12:37 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:04 PM IST

नई दिल्ली। नौकरी करने वाले कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर सामने आयी है, दरअसल कुछ समय में हाथ में आने वाली सैलरी में बदलाव देखने को मिल सकता है, इसकी वजह ये है कि अगले कुछ महीनों में चारों लेबर कोड (Labour Codes) के लागू हो सकते हैं, इन चारों लेबर कोड लागू होने से टेक होम सैलरी कम हो जाएगी और रिटायरमेंट राशि में ऑटोमेटिक रूप से बढ़ोतरी होगी। इन लेबर कोड को पहले अप्रैल 2021 में लागू किया जाना था।

इसमें टेक होम सैलरी में कटौती और पीएफ कंट्रीब्यूशन बढ़ जाता, इसमें ग्रेच्युटी बढ़ने की संभावना, एक बार वेज कोड के लागू होने के बाद, कर्माचारियों की बेसिक पे और प्रोविडेंट फंड के कैलकुलेट करने के तरीकों में बड़े बदलाव होंगे।

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New Wage Code लागू हो जाने के बाद नियोक्ताओं को सीटीसी का 50 फीसदी मूल वेतन के रूप में कर्मचारी को देना होगा, इससे PF और ग्रैच्युटी जैसे अन्य घटकों के लिए कर्मचारियों का योगदान बढ़ जाएगा। न्यू वेज कोड लागू होने पर बोनस, पेंशन, वाहन भत्ता, मकान का किराया भत्ता, आवास लाभ, ओवरटाइम आदि बाहर हो जाएंगे, कंपनियों को यह निश्चित करना होगा कि बेसिक सैलरी को छोड़कर सीटीसी में शामिल किए कुछ अन्य घटक 50 फीसदी से अधिक न हो और अन्य आधे में बेसिक सैलरी होनी चाहिए।

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लेबर मंत्रालय ने 4 कोड के तहत नियमों को भी तय कर लिया था, लेकिन इन्हें लागू नहीं किया जा सका, इसकी वजह ये रही कि इन कोड के तहत नियमों को नोटिफाई करने की स्थिति में नहीं थे। भारत के संविधान के तहत, श्रम समवर्ती सूची में आता है और इसलिए इन चार कोड को अपने अधिकार क्षेत्र में कानून बनाने के लिए इनके तहत आने वाले नियमों को नोटिफाई करना होगा।

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रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई बड़े राज्यों ने चार कोड के तहत नियमों को तय नहीं किया है, कुछ राज्य इन कानूनों को लागू करने के लिए नियमों को तय करने की प्रक्रिया में हैं, केंद्र सरकार इन कोड के तहत नियमों को तय करने के लिए राज्यों का और इंतजार नहीं कर सकती, लिहाजा केंद्र सरकार इन कोड को कुछ महीनों के भीतर लागू करने की तैयारी में है, क्योंकि कंपनियों या प्रतिष्ठानों को नए कानून से तालमेल बैठाने के लिए कुछ समय देना होगा, सूत्र के मुताबिक, राज्य उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा, ओडिशा, पंजाब, गुजरात, कर्नाटक और उत्तराखंड जैसे कुछ राज्यों ने ड्राफ्ट नियमों को पहले ही तय कर लिया है।