नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर (भाषा) केंद्र ने सोमवार को कहा कि वह खरीफ विपणन सत्र 2024-25 में पंजाब से 185 लाख टन धान खरीदेगा और खरीद लक्ष्य को पूरा करने के लिए भंडारण क्षमता सहित पर्याप्त व्यवस्था की गई है।
केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने कहा कि खरीद एक अक्टूबर को शुरू हुई है और सुचारू रूप से चल रही है, जबकि पंजाब सरकार ने राज्य में भंडारण क्षमता की कमी और मिल मालिकों के साथ-साथ कमीशन एजेंटों की समस्याओं पर चिंता जताई है।
सोमवार को केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने राज्य में खरीफ विपणन सत्र (केएमएस ) 2024-25 में चल रही धान खरीद से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से मुलाकात की।
एक सरकारी बयान में कहा गया, ‘‘पंजाब में धान की खरीद एक अक्टूबर, 2024 से शुरू हो गई है और सुचारू रूप से चल रही है।’’ धान खरीद के सुचारू संचालन में किसी भी कठिनाई से बचने के लिए पर्याप्त भंडारण व्यवस्था की गई है।
बयान में कहा गया है, ‘‘इस साल केएमएस 2024-25 के लिए, भारत सरकार ने पहले ही पंजाब से 124 लाख टन चावल की अनुमानित खरीद को मंजूरी दे दी है, जो 185 लाख टन धान के बराबर है और भारत सरकार बिना किसी प्रतिबंध के राज्य से इसे खरीद रही है।’’
इस साल धान की खरीद के लिए पंजाब में फिलहाल 2,200 से अधिक मंडियां कार्यरत हैं और 13 अक्टूबर तक, लगभग सात लाख टन धान की कुल आवक में से, लगभग छह लाख टन पहले ही केंद्रीय पूल के लिए खरीद लिया गया है।
धान की खरीद 30 नवंबर, 2024 तक सामान्य रूप से जारी रहेगी।
पंजाब सरकार के बयान के अनुसार, बैठक के दौरान मान ने राज्य में चावल मिल मालिकों और कमीशन एजेंटों की चिंताओं को उठाया। मिल मालिकों द्वारा वहन किए जा रहे अतिरिक्त परिवहन शुल्क के मुद्दे पर भी चर्चा की गई। यह आश्वासन दिया गया कि इस पर सकारात्मक रूप से विचार किया जाएगा तथा इसका समाधान किया जाएगा।
बयान में कहा गया है, ‘‘कमीशन शुल्क की दरों में संशोधन के बारे में सरकार सक्रिय रूप से विचार कर रही है तथा इस मामले में शीघ्र ही निर्णय लिया जाएगा।’’
भाषा राजेश राजेश अजय
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