Khane Ke Tel Ka Bhav: Cooking Becomes Cheaper From Last Week

आम जनता को बड़ी राहत, खाने का तेल हुआ सस्ता, अब देना होगा प्रति लीटर इतने रुपए

आम जनता को बड़ी राहत, खाने का तेल हुआ सस्ता, अब देना होगा प्रति लीटर इतने रुपए! Khane Ke Tel Ka Bhav: Cooking Becomes Cheaper From Last Week

Edited By :   Modified Date:  April 9, 2023 / 03:58 PM IST, Published Date : April 9, 2023/3:50 pm IST

नयी दिल्ली: Khane Ke Tel Ka Bhav विदेशी बाजारों में गिरावट के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में पिछले सप्ताहांत के मुकाबले लगभग सभी खाद्य तेल, तिलहन कीमतों में नुकसान दर्ज हुआ। किसानों द्वारा मंडी में कम माल लाने से केवल सोयाबीन लूज के भाव में मामूली सुधार दिखाई दिया। बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि 31 मार्च से पहले स्टॉकिस्टों द्वारा अपना माल निकालने के लिए की गई बिकवाली से सोयाबीन दाना और सोयाबीन तेल कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है। गिरावट की एक और वजह विदेशी बाजारों में सोयाबीन तेल का भाव पहले के 1,120 डॉलर से घटकर 1,050 डॉलर प्रति टन रह जाना है। उन्होंने कहा कि विदेशों में दाम टूटने के बावजूद थोक में सूरजमुखी और सोयाबीन प्रीमियम मूल्य के साथ बिक रहा है।

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Khane Ke Tel Ka Bhav सूत्रों ने कहा कि बरसात और ओलावृष्टि के कारण सरसों फसल को पहले से ही नुकसान हो चुका है और अब किसानों ने इस गीली सरसों का गोदामों में स्टॉक कर रखा है, वह जल्दी खराब होने की संभावना है क्योंकि धूप नहीं निकलने के कारण यह अच्छी तरह से सूखी नहीं है। इस सरसों को तत्काल खपाने का प्रयास करना होगा नहीं तो नुकसान अधिक हो सकता है। सरकार को इसका बाजार बनाकर इन्हें खपाने की ओर ध्यान देना होगा। वैसे अच्छी तरह से सूखने पर सरसों सालों-साल खराब नहीं होती। उन्होंने कहा कि गिरावट के आम रुख के बीच मूंगफली तेल-तिलहनों के भाव में भी मामूली गिरावट आई।

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सूत्रों ने कहा कि लगभग चार महीने पहले सूरजमुखी और सोयाबीन तेल का भाव कच्चे पामतेल (सीपीओ) से लगभग 40 रुपये लीटर के हिसाब से ऊंचा था लेकिन मौजूदा स्थिति में इन सभी तेलों के भाव का अंतर कम या लगभग आसपास हो गया हैं। सूरजमुखी और सोयाबीन तेल का आयात, पामोलीन से सस्ता पड़ने लगा है। सूत्रों ने कहा कि यूक्रेन और रूस में सूरजमुखी तेल का 80 लाख टन का स्टॉक जमा हो गया है और यह घरेलू उद्योग को गंभीर रूप से प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। इससे यहां के बाजार की हालत बिगड़ने का खतरा है। देश के तेल-तिलहन बाजार को संरक्षित करना देशहित में होगा। सूत्रों ने कहा कि सूरजमुखी तेल के आयात का दाम 1,450 डॉलर प्रति टन था तो उसपर 38.5 प्रतिशत का आयात शुल्क लागू था। कुछ दिन बाद सूरजमुखी तेल का दाम 2,500 डॉलर प्रति टन होने पर सरकार ने शुल्क-मुक्त आयात की छूट दे दी थी। इसी तेल का दाम 1,050 डॉलर प्रति टन रह गया है तो उसपर अप्रैल से 5.5 प्रतिशत आयात शुल्क लगा दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार को अपने देशी तेल- तिलहनों का बाजार विकसित करने के लिए देशी तेल- तिलहनों की खपत को प्राथमिकता देकर उसी के अनुरूप शुल्क निर्धारित करने होंगे।

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सूत्रों ने कहा कि तेल-तिलहन के दाम बढ़ने पर खूब हंगामा किया जाता है लेकिन दूध का कारोबार तिलहन के कारोबार से अभिन्न रूप से जुड़ा है। तेल- तिलहन का महंगा होना इस बात का संकेत है कि किसानों को अच्छे पैसे मिल रहे हैं जिससे वे उत्पादन बढ़ायेंगे और देश तेल-तिलहन मामले में आत्मनिर्भर बनेगा। उल्लेखनीय है कि तिलहन की प्रति व्यक्ति जो खपत होती है वह दूध के मुकाबले काफी कम है। सूत्रों के अनुसार, पिछले सप्ताहांत के मुकाबले बीते सप्ताह सरसों दाने का थोक भाव 85 रुपये की गिरावट के साथ 5,355-5,450 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। समीक्षाधीन सप्ताहांत में सरसों दादरी तेल 370 रुपये घटकर 10,580 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों पक्की घानी तेल का भाव 40-40 रुपये घटकर क्रमश: 1,675-1,745 रुपये और 1,675-1,795 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुआ।

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सूत्रों ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने का भाव 120 रुपये की गिरावट के साथ 5,365-5,415 रुपये रह गई जबकि किसान द्वारा कम बिकवाली करने से सोयाबीन लूज का थोक भाव 55 रुपये सुधरकर 5,115-5,215 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। विदेशों में दाम टूटने के कारण समीक्षाधीन सप्ताहांत में सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम तेल के भाव क्रमश: 50 रुपये, 50 रुपये और 200 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 11,220 रुपये, 11,050 रुपये और 9,400 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए। समीक्षाधीन सप्ताह में गिरावट के आम रुख के अनुरूप मूंगफली तेल-तिलहनों कीमतों के भाव में भी गिरावट दर्ज हुई। मूंगफली तिलहन का भाव 25 रुपये टूटकर कर 6,790-6,850 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तेल गुजरात 40 रुपये की गिरावट के साथ 16,660 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ जबकि मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड का भाव 10 रुपये की हानि दर्शाता 2,535-2,800 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।

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सूत्रों ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह में कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का भाव 150 रुपये घटकर 8,800 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। जबकि पामोलीन दिल्ली का भाव 150 रुपये घटकर 10,250 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। पामोलीन कांडला का भाव भी 150 रुपये के गिरावट के साथ 9,400 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। गिरावट के आम रुख के अनुरूप बिनौला तेल भी समीक्षाधीन सप्ताह में 150 रुपये की हानि दर्शाता 9,700 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

 

 

 

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