केरल, उत्तराखंड टिकाऊ विकास लक्ष्य हासिल करने में सबसे आगे, बिहार सबसे पीछे |

केरल, उत्तराखंड टिकाऊ विकास लक्ष्य हासिल करने में सबसे आगे, बिहार सबसे पीछे

केरल, उत्तराखंड टिकाऊ विकास लक्ष्य हासिल करने में सबसे आगे, बिहार सबसे पीछे

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Modified Date: July 12, 2024 / 08:42 PM IST
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Published Date: July 12, 2024 8:42 pm IST

(फाइल फोटो के साथ)

नयी दिल्ली, 12 जुलाई (भाषा) नीति आयोग के टिकाऊ विकास सूचकांक में उत्तराखंड और केरल शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्य बनकर उभरे हैं जबकि बिहार का प्रदर्शन सबसे खराब आंका गया है।

आयोग इस सूचकांक के जरिये सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय मानकों पर प्रगति का मूल्यांकन करता है। इसमें टिकाऊ विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रदर्शन का आकलन किया जाता है।

नीति आयोग के एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2023-24 के मुताबिक, भारत का समग्र एसडीजी अंक वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 71 हो गया जबकि 2020-21 में यह 66 था। गरीबी उन्मूलन, सम्मानजनक कामकाज के अवसर मुहैया कराने, आर्थिक वृद्धि, जलवायु परिवर्तन से संबंधित कार्रवाई और जमीनी इलाकों में जीवन पर महत्वपूर्ण प्रगति से भारत का प्रदर्शन सुधरा है।

इन मानकों पर उत्तराखंड और केरल 79 अंकों के साथ संयुक्त रूप से शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्य बनकर उभरे हैं। इनके बाद तमिलनाडु (78) और गोवा (77) का स्थान रहा है।

दूसरी तरफ बिहार 57 अंकों के साथ इस रैंकिंग में सबसे नीचे रहा है। झारखंड (62) और नगालैंड (63) भी सबसे खराब प्रदर्शन वाले राज्यों में शामिल हैं।

वहीं, केंद्रशासित प्रदेशों में चंडीगढ़, जम्मू कश्मीर, पुडुचेरी, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह और दिल्ली शीर्ष पांच में शामिल किए गए हैं।

नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी बी वी आर सुब्रमण्यम ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा, ‘सरकार के लक्षित हस्तक्षेप ने भारत को टिकाऊ विकास लक्ष्यों के रूप में निर्धारित 16 लक्ष्यों में महत्वपूर्ण सुधार दर्ज करने में मदद की है।’

उन्होंने कहा, ‘भारत एसडीजी के तहत अधिकांश लक्ष्यों को प्राप्त करने की राह पर अग्रसर और दूसरों से आगे है। सरकार को इनमें से कुछ लक्ष्यों को वर्ष 2030 से पहले ही हासिल कर लेने की उम्मीद है।’

एसडीजी सूचकांक से पता चलता है कि 16 लक्ष्यों में से भारत का समग्र प्रदर्शन सिर्फ स्त्री-पुरूष समानता वाले लक्ष्य में ही 50 अंक से कम है।

रिपोर्ट के मुताबिक, सभी राज्यों के समग्र प्रदर्शन में सुधार दिखा है। राज्यों का अंक 2023-24 में 57 से 79 तक रहा, जो 2020-21 में 66 और 2018 में 57 अंक से उल्लेखनीय रूप से बेहतर है।

वर्ष 2018 और 2023-24 के बीच उत्तर प्रदेश सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाला राज्य रहा है। इस दौरान उत्तर प्रदेश के सूचकांक में 25 की बढ़ोतरी दर्ज की गई। उसके बाद जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड और सिक्किम का स्थान है।

व्यापक परामर्श के बाद इन विकास लक्ष्यों को निर्धारित किया गया था। इनमें वर्ष 2030 तक हासिल किए जाने वाले 17 लक्ष्य और 169 संबंधित लक्ष्य शामिल किए गए हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, ‘इनमें से 13वां लक्ष्य (जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई) ने सबसे अधिक सुधार दिखाया है जिसका अंक 54 से बढ़कर 67 हो गया है। वहीं पहले लक्ष्य (गरीबी उन्मूलन) का अंक 60 से बढ़कर 72 हो गया है।’

नीति आयोग की रिपोर्ट कहती है कि इन मानकों पर प्रगति नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने में केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाओं औऱ कार्यक्रमों का प्रभाव को रेखांकित करती है।

इस बार 32 राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों को 65 से 99 के बीच अंक मिले हैं जबकि 2020-21 के संस्करण में यह संख्या 22 थी।

संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से विकसित इस सूचकांक को पहली बार दिसंबर, 2018 में जारी किया गया था। अब यह देश में टिकाऊ विकास लक्ष्यों पर प्रगति की निगरानी के लिए बुनियादी साधन बन गया है।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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