नयी दिल्ली, 22 सितंबर (भाषा) मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने शुक्रवार को कहा कि भारत के सरकारी बॉन्ड को जेपी मॉर्गन के उभरते बाजार सूचकांक में अगले साल से शामिल किए जाने से निवेशक आधार का विस्तार होगा और इससे रुपये में मजबूती भी आ सकती है।
नागेश्वरन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि जेपी मॉर्गन के इस फैसले से भारतीय वित्तीय संस्थानों को सरकारी बॉन्ड की खरीद की जिम्मेदारी से मुक्त होने का मौका मिलेगा और वे उस रकम का इस्तेमाल अधिक उत्पादक कार्यों के लिए निजी क्षेत्र को देने में कर सकेंगे।
उन्होंने कहा, ‘निश्चित रूप से इस फैसले से भारत के सरकारी बॉन्ड में निवेश करने वाले निवेशकों का आधार बढ़ेगा। इसके अलावा देश में पूंजी प्रवाह बढ़ने से रुपये में मजबूती का भी रुझान रह सकता है।’
वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी जे पी मॉर्गन ने भारत की सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक) को अगले साल से अपने उभरते बाजार सूचकांक में शामिल करने की घोषणा की है। भारत के सरकारी बॉन्ड को 28 जून, 2024 से 31 मार्च, 2025 तक 10 महीने की अवधि में क्रमबद्ध तरीके से शामिल किया जाएगा।
इस पर अपनी प्रतिक्रिया में मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा, ‘निवेशकों के बीच भारत सरकार के बॉन्ड को खरीदने की मांग है। ऐसे में यह मांग बढ़ने पर भारतीय मुद्रा के मजबूत होने की संभावना भी है।’
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते समय कहा था कि कुछ खास तरह की सरकारी प्रतिभूतियों को अनिवासी निवेशकों के लिए पूरी तरह खोला जाएगा और वे घरेलू निवेशकों के लिए भी उपलब्ध रहेंगे।
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