Jio giving 1 rupee discount on diesel : जियो-बीपी और नायरा के पेट्रोल पंपों पर अब मार्केट रेट के हिसाब से पेट्रोल-डीजल की कीमत चार्ज की जा रही है। प्राइवेट सेक्टर की इन दोनों कंपनियों ने एक साल से भी अधिक समय गुजरने के बाद ये फैसला लिया है। इससे पहले जियो-बीपी, नायरा एनर्जी और शेल जैसी कंपनियां भारी घाटे पर पेट्रोल-डीजल की बिक्री कर रही थीं।
प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों को इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसी सरकारी कंपनियों से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ता है। ये कंपनियां जियो-बीपी और नायरा एनर्जी के मुकाबले काफी निचली दर पर ईंधन की बिक्री करती हैं। इसलिए प्राइवेट सेक्टर की कंपनियां घाटे पर पेट्रोल-डीजल की बिक्री कर रही थीं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल लगातार सस्ता बना हुआ है। वहीं भारत बड़े पैमाने पर रूस से डिस्काउंट रेट पर कच्चा तेल खरीद रहा है। पीटीआई की खबर के मुताबिक इसी को देखते हुए प्राइवेट फ्यूल कंपनियों ने मार्केट रेट पर पेट्रोल-डीजल बेचने का फैसला किया है। इससे कंपनियों को अपना घाटा पाटने में मदद मिलेगी।
जियो-बीपी, नायरा एनर्जी और शेल जैसी कंपनियों ने घाटे पर पेट्रोल और डीजल की बिक्री की। इसके बावजूद इनकी कीमतें सरकारी कंपनियों के मुकाबले थोड़ी अधिक रहीं। अब मार्केट रेट से मैच करने के लिए इन्हें सरकारी कंपनियों के रेट पर ही पेट्रोल और डीजल की बिक्री करनी होगी।
आपको बताते चलें, जियो-बीपी, उद्योगपति मुकेश अंबानी रिलायंस इंडस्ट्रीज और ब्रिटेन की कंपनी बीपी का संयुक्त उद्यम है। जबकि नायरा एनर्जी की फंडिंग रूस की सबसे बड़ी तेल कंपनियों में शुमार रोजनेफ्ट से हुई है।
Jio giving 1 rupee discount on diesel : भारत में कुल 86,855 पेट्रोल पंप हैं। इसमें से 7 प्रतिशत पेट्रोल पंप का स्वामित्व नायरा एनर्जी के पास है। कंपनी ने मार्च से ही मार्केट रेट पर पेट्रोल और डीजल बेचना शुरू कर दिया है, जबकि जियो-बीपी अपने 1,555 पेट्रोल पंप पर इस महीने से डीजल को बाजार मूल्य पर बेच रही है। फिलहाल जियो-बीपी सरकारी कंपनियों के रेट के मुकाबले प्रति लीटर 1 रुपये का डिस्काउंट दे रही है।
हालांकि कच्चे तेल की कीमतों में कमी से सरकारी कंपनियों का घाटा भी कम हुआ है। पिछले 6 हफ्तों में क्रूड ऑयल की कीमतें लगातार गिरने से सरकारी कंपनियां लागत पर ही पेट्रोलियम की बिक्री कर रही हैं। इस सप्ताह कच्चा तेल भाव 78 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। ऐसे में संभव है कि सरकारी कंपनियां आने वाले दिनों में पेट्रोलियम की कीमतों में कमी करें।