नयी दिल्ली, तीन दिसंबर (भाषा) जापान की कंपनियां भारत में सेमीकंडक्टर इकाइयां स्थापित करने को इच्छुक हैं और उनके पास घरेलू कंपनियों के साथ साझेदारी करने के लिए सभी प्रकार की विशेषज्ञता भी है।
वित्तीय परामर्श एवं लेखा परीक्षा सेवा प्रदाता डेलॉयट ने कहा कि भारत में सेमीकंडक्टर क्षेत्र की वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए कुशल कार्यबल, धन तथा समर्थन देने वाले उपायों की निरंतरता महत्वपूर्ण है।
डेलॉयट जापान के शिंगो कामया ने कहा कि जापान की कंपनियां भारत को लेकर ‘‘काफी उत्साहित’’ हैं।
जापान सेमीकंडक्टर परिवेश के संयुक्त विकास और अपनी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की मजबूती को बनाए रखने के लिए भारत के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला अमेरिका के बाद दूसरा ‘क्वाड’ साझेदार है। जापान ने इस समझौते पर जुलाई में हस्ताक्षर किए थे।
‘क्वाड’ (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान तथा अमेरिका का एक समूह हिस्सा हैं जो प्रशांत क्षेत्र के लिए अहम मंच है।
डेलॉयट इंडिया के अध्यक्ष (रणनीति, जोखिम एवं लेन-देन) रोहित बेरी ने कहा, ‘‘ प्रौद्योगिकी और विशेषज्ञता को देखते हुए सेमीकंडक्टर के ऐसे महत्वाकांक्षी तथा महत्वपूर्ण परिवेश को विकसित करने के लिए जापान से बेहतर कोई साझेदार नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि देश में सेमीकंडक्टर की कहानी सिर्फ एक कारखाना लगाने की नहीं है, बल्कि यह पूरे परिवेश की कहानी है।
बेरी ने कहा, ‘‘ यह एक या दो वर्ष की बात नहीं है बल्कि इससे हमारी और जापान की आने वाली कई पीढ़ियों को फायदा होगा।’’
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