नयी दिल्ली, 10 सितंबर (भाषा) इजराइल ने बुनियादी ढांचस और स्वास्थ्य क्षेत्रों में कौशल अंतर को दूर करने के लिए 10,000 निर्माण श्रमिकों और 5,000 स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों की भर्ती के लिए अभियान चलाने के इरादे से भारत से संपर्क साधा है।
राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि इजराइल का यह नया अनुरोध साल की शुरुआत में किए गए इसी तरह के भर्ती अनुरोध के बाद आया है।
एनएसडीसी का यह बयान आने के पहले एक मीडिया रिपोर्ट में द्विपक्षीय नौकरी योजना के तहत दोषपूर्ण चयन का दावा किया गया। इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय श्रमिकों को निर्माण क्षेत्र में काम करने के लिए इजराइल ले जाया जाएगा। एक लाख से अधिक फलस्तीनी श्रमिकों पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद ऐसा किया जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट में इजराइली दूतावास के आंकड़ों का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि दो मार्गों से लगभग 5,000 श्रमिकों की भर्ती की गई है। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने सरकार-से-सरकार (जी2जी) भर्तियों को अंजाम दिया है जबकि विदेश मंत्रालय की देखरेख में निजी एजेंसियों ने व्यवसाय-से-व्यवसाय (बी2बी) भर्तियां की हैं।
इस दावे के बीच एनएसडीसी ने कहा कि इजराइल के जनसंख्या, आव्रजन और सीमा प्राधिकरण (पीबा) ने निर्माण क्षेत्र की नौकरियों के लिए अनुरोध किया है। पीबा की एक टीम आने वाले सप्ताह में भारत का दौरा करेगी ताकि चयन के लिए जरूरी कौशल परीक्षण किए जा सकें।
एनएसडीसी ने कहा कि इजराइल जाने वाले निर्माण श्रमिकों के लिए भर्ती अभियान का दूसरा दौर महाराष्ट्र में चलाया जाएगा।
इसके अलावा इजराइल को अपनी स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए 5,000 स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों की भी जरूरत है। इसके लिए 10वीं कक्षा पूरी करने के बाद किसी मान्यता-प्राप्त भारतीय संस्थान से प्रमाण पत्र पाने वाले और कम से कम 990 घंटे का देखभाल अनुभव रखने वाले व्यक्ति आवेदन कर सकते हैं।
इजराइल के लिए निर्माण श्रमिकों की भर्ती के पहले दौर में कुल 16,832 उम्मीदवार कौशल परीक्षण में शामिल हुए थे जिनमें से 10,349 उम्मीदवारों का चयन किया गया। चयनित लोगों को प्रति माह 1.92 लाख रुपये का वेतन, चिकित्सा बीमा, भोजन और आवास मिलेगा। इन उम्मीदवारों को प्रति माह 16,515 रुपये का बोनस भी दिया जाता है।
पिछले साल नवंबर में दोनों सरकारों के बीच समझौता होने के बाद राष्ट्रीय कौशल विकास निगम ने भर्ती के लिए सभी राज्यों से संपर्क किया था। भर्ती अभियान का पहला दौर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और तेलंगाना में चलाया गया था।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
अजय
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