इस्मा ने सरकार के समक्ष चीनी मिलों को जैव-रिफाइनरी में बदलने की योजना रखी |

इस्मा ने सरकार के समक्ष चीनी मिलों को जैव-रिफाइनरी में बदलने की योजना रखी

इस्मा ने सरकार के समक्ष चीनी मिलों को जैव-रिफाइनरी में बदलने की योजना रखी

:   Modified Date:  July 25, 2024 / 09:39 PM IST, Published Date : July 25, 2024/9:39 pm IST

नयी दिल्ली, 25 जुलाई (भाषा) चीनी उद्योग निकाय इस्मा ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने चीनी मिलों को जैव-रिफाइनरियों में बदलने के लिए सरकार को एक योजना पेश की है, जिसका उद्देश्य टिकाऊ विमानन ईंधन और अन्य हरित ऊर्जा स्रोतों के उत्पादन को बढ़ावा देना है।

एक बयान में कहा गया है कि भारतीय चीनी और जैव-ऊर्जा निर्माता संघ (इस्मा) के प्रतिनिधियों ने बदलाव के लिए नीतिगत ढांचे पर चर्चा करने को खाद्य मंत्री प्रल्हाद जोशी से मुलाकात की। यह नीतिगत ढांचा मौजूदा एथनॉल, जैव-बिजली और बायोगैस उत्पादन से आगे बढ़ेगा।

इस्मा के महानिदेशक दीपक बल्लानी ने कहा कि यह पहल भारत को ‘सीओआरएसआईए’ जनादेश के तहत वर्ष 2027 में प्रभावी होने वाले अंतरराष्ट्रीय विमानन मिश्रण लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगी और साथ ही देश के शुद्ध-शून्य और आत्मनिर्भरता लक्ष्यों का समर्थन करेगी।

बल्लानी ने बयान में कहा, ‘‘हम एक ऐसा भविष्य देखते हैं जहां स्थानीय संसाधन राष्ट्रीय विकास को आगे बढ़ाते हैं।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘यह आत्मनिर्भर भारत के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है।’’

इस योजना का उद्देश्य भारत के अनुमानित 5.5 करोड़ गन्ना किसानों के लिए वैकल्पिक बाजार बनाना है, जो कृषकों की आय बढ़ाने में मौजूदा एथनॉल मिश्रण कार्यक्रम की सफलता पर आधारित है।

सरकार ने पिछले साल 400 ई-100 ईंधन पंप पेश किए। जोशी ने ई-100 के उपयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया, विशेष रूप से वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन में भारत के नेतृत्व को देखते हुए।

इस्मा ने जैव-रिफाइनरी योजना के त्वरित कार्यान्वयन पर सरकार के साथ मिलकर काम करने का संकल्प लिया, जिससे इस क्षेत्र में नए मानक स्थापित होने और भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती मिलने की उम्मीद है।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

 

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