पटना, 19 दिसंबर (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) बिहार में 21,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। यह निवेश बरौनी रिफाइनरी की क्षमता बढ़ाने तथा वाहनों को सीएनजी और घरों तथा उद्योगों को पाइप के जरिये गैस की खुदरा बिक्री के लिए नेटवर्क स्थापित करने में किया जाएगा।
कंपनी के कार्यकारी निदेशक सुमन कुमार ने निवेशक सम्मेलन ‘बिहार बिजनेस कनेक्ट’ के दूसरे संस्करण में कहा कि आईओसी अपनी बरौनी रिफाइनरी का विस्तार मौजूदा 60 लाख टन से बढ़ाकर 90 लाख टन सालाना तक कर रही है। इसके साथ ही कंपनी लगभग 16,000 करोड़ रुपये की लागत से एक पेट्रोरसायन संयंत्र भी स्थापित करेगी। इसके अलावा कंपनी बिहार के 27 शहरों में वाहनों के लिए सीएनजी और घरों तथा उद्योगों को पाइप से रसोई गैस की खुदरा आपूर्ति के लिए नेटवर्क स्थापित करने में 5,600 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
कुमार ने कहा, ‘‘आईओसी बिहार में सबसे पुरानी निवेशक है। कंपनी ने 1964 में बरौनी रिफाइनरी की स्थापना की थी। इसकी शुरुआती क्षमता 30 लाख टन सालाना थी जिसे बाद में बढ़ाकर 60 लाख टन कर दिया गया। अब हम क्षमता को बढ़ाकर 90 लाख टन प्रति वर्ष कर रहे हैं। इसके साथ ही, 2,00,000 टन पॉलीप्रोपेलीन संयंत्र भी स्थापित किया जा रहा है।’’
पॉलीप्रोपेलीन प्लास्टिक उद्योग के लिए कच्चा माल होगा। विस्तार कार्यक्रम और संयंत्र को 2025 के अंत तक चालू करने की योजना है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, आईओसी बिहार के 27 जिलों में शहरों में गैस वितरण (सीजीडी) नेटवर्क स्थापित करने में 5,600 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है।
इससे पहले, कंपनी ने भागीदारों के साथ मिलकर बरौनी उर्वरक संयंत्र के पुनरुद्धार में 9,512 करोड़ रुपये खर्च किए थे। यह संयंत्र बंद यूरिया इकाइयों को पटरी पर लाने और घरेलू स्तर पर उत्पादित यूरिया की उपलब्धता बढ़ाने की सरकारी पहल का हिस्सा था।
उन्होंने कहा कि ये निवेश आईओसी के 2047 तक 1,000 अरब डॉलर की कंपनी बनने के लक्ष्य का हिस्सा हैं। 110 अरब डॉलर मूल्य की कंपनी ने एक आक्रामक पूंजी निवेश की योजना तैयार की है, जिसमें रिफाइनिंग क्षमता, पेट्रोरसायन एकीकरण, संबंधित बुनियादी ढांचा और नवीकरणीय ऊर्जा का विस्तार करने के लिए दशक के दौरान दो लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने का प्रस्ताव है।
कुमार ने कहा कि भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ कंपनी का लक्ष्य देश की अग्रणी ऊर्जा प्रदाता कंपनी बनना है, जो 2050 तक भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं का 12.5 प्रतिशत पूरा करेगी।
कंपनी बरौनी के अलावा पानीपत रिफाइनरी और गुजरात रिफाइनरी की क्षमता बढ़ाने पर भी काम रही है।
भाषा रमण
अजय
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