नयी दिल्ली, तीन नवंबर (भाषा) भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (रीट), लघु एवं मझोले रीट (एसएम रीट) और इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट) को जोखिम से बचाव (हेजिंग) के लिए ब्याज दर डेरिवेटिव का इस्तेमाल करने की अनुमति देने का प्रस्ताव रखा है।
नियामक ने प्रायोजकों और उनके समूहों के बीच स्थानांतरित करने के लिए रीट और इनविट के लिए ‘लॉक-इन’ यूनिट्स को मंजूरी देने का सुझाव भी दिया है।
यह प्रस्ताव सूचीबद्ध कंपनियों में प्रवर्तकों के लिए नियमों के समान है, ताकि प्रायोजकों को निवेश से समझौता किए बिना अपनी हिस्सेदारी का प्रबंधन करने में मदद मिल सके।
इसके अतिरिक्त, सेबी ने रीट और इनविट के लिए उधारी की गणना करते समय सावधि जमा को नकद के समान मानने की अनुमति देने का सुझाव भी दिया है।
भाषा पाण्डेय अजय
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