अधिकांश जिलों में 5जी की शुरुआत से डिजिटल संपर्क को बढ़ावा मिलेगा: समीक्षा |

अधिकांश जिलों में 5जी की शुरुआत से डिजिटल संपर्क को बढ़ावा मिलेगा: समीक्षा

अधिकांश जिलों में 5जी की शुरुआत से डिजिटल संपर्क को बढ़ावा मिलेगा: समीक्षा

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Modified Date: January 31, 2025 / 04:00 PM IST
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Published Date: January 31, 2025 4:00 pm IST

नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) दूरसंचार बुनियादी ढांचा और उपयोगकर्ता अनुभव में सुधार के लिए नियामक सुधारों के साथ ही अधिकांश जिलों में 5जी सेवाओं की शुरुआत ने भारत में डिजिटल संपर्क को बढ़ावा दिया है। संसद में शुक्रवार को पेश आर्थिक समीक्षा 2024-25 में यह कहा गया।

समीक्षा में कहा गया है कि भारतनेट परियोजना के माध्यम से भारत में दूरसंचार बुनियादी ढांचे में काफी सुधार किया जा रहा है। इस परियोजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड पहुंच का विस्तार करना और पूर्वोत्तर, सीमावर्ती क्षेत्रों और द्वीपों जैसे क्षेत्रों में मोबाइल कवरेज को बढ़ाना है।

समीक्षा में कहा गया, “डिजिटल संपर्क ने चालू वित्त वर्ष (2024-25) में डिजिटल समावेशन, प्रौद्योगिकी नवाचार और विनियामक सुधारों में बड़ी प्रगति की है, जो डिजिटल इंडिया के लिए सरकार के लक्ष्य के अनुरूप हैं।”

इसमें कहा गया, “5जी सेवाओं की शुरुआत के साथ-साथ दूरसंचार बुनियादी ढांचा और उपयोगकर्ता अनुभव को बढ़ाने के उद्देश्य से नई नीतियों की शुरुआत ने डिजिटल कनेक्टिविटी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।”

समीक्षा के अनुसार, 5जी सेवा देश के कुल 783 जिलों में से 779 जिलों में उपलब्ध है।

इसमें कहा गया कि भारत नेट परियोजना के तहत दिसंबर, 2024 तक 6.92 लाख किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) बिछाई जा चुकी है।

समीक्षा के अनुसार, 2.14 लाख ग्राम पंचायतें सेवा के लिए तैयार हैं (जिनमें 5,032 उपग्रह के माध्यम से हैं) और 12.04 लाख एफटीटीएच (फाइबर-टू-द-होम) कनेक्शन स्थापित किए गए हैं।

आर्थिक समीक्षा आम बजट से पहले प्रस्तुत की जाने वाली एक वार्षिक रिपोर्ट है, जो अर्थव्यवस्था की स्थिति का आकलन करती है। इसे मुख्य आर्थिक सलाहकार के मार्गदर्शन में वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के आर्थिक प्रभाग द्वारा तैयार किया जाता है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट पेश करेंगी।

समीक्षा में कहा गया है कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में मोबाइल सेवाओं के लिहाज से 1,358 स्थल ऐसे हैं, जो बिना पहुंच वाले गांवों और राजमार्गों पर सेवाएं प्रदान करते हैं।

भाषा अनुराग पाण्डेय

पाण्डेय

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)